23 साल बाद होने जा रहा एचसीएस भर्ती घोटाले का निपटारा, 21 जनवरी को आखिरी बहस के लिए होगी सुनवाई

चंडीगढ़ | हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के शासनकाल में 65 एचसीएस अधिकारियों को नियुक्त किया गया था. इसके बाद इस भर्ती से जुड़ा एक घोटाला सामने आया था. आपको बता दें कि इससे जुड़े कथित घोटाले को लेकर 2002 में दाखिल की गई याचिका का अब 23 साल बाद निपटारा होने जा रहा है. हाईकोर्ट की तरफ से याचिका पर आखिरी बहस के लिए अब 21 जनवरी को सुनवाई तय की गई है.

Punjab and Haryana High Court

ओमप्रकाश चौटाला पर अपने चहेतों को नियुक्ति देने का था आरोप

2002 में जब एचसीएस पदों के लिए नियुक्ति की गई थी, तब इन नियुक्तियों को कांग्रेस नेता करण सिंह दलाल ने चुनौती दी थी. कांग्रेस नेता करण सिंह दलाल ने इन नियुक्तियों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला पर आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन चौटाला सरकार ने नियमों का उल्लंघन कर अपने चहेतों को नियुक्ति दी, जिनके परीक्षा में कम अंक थे, उनके इंटरव्यू में ज्यादा अंक देकर नियुक्त किया गया. जांच में भी धांधली का खुलासा हुआ.

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विजिलेंस ने मांगी थी ओरिजिनल आंसर शीट

2013 में हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस ने याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था. पर इसी बीच वह सुप्रीम कोर्ट चले गए और यह केस फिर सुनवाई पर आ पहुंचा. तब से लेकर अब तक हाईकोर्ट की विभिन्न खंडपीठों में इस केस की सुनवाई चल रही है. इस विवाद के हाईकोर्ट में आने के बाद उत्तर पुस्तिकाओं की रियल कापी हाईकोर्ट में मंगवा ली गई थी. साल 2009 में विजिलेंस के अनुरोध पर उनकी फोटो कॉपी विजिलेंस को दी गई. पिछले साल विजिलेंस ने एक अर्जी दायर कर 35 एचसीएस अधिकारियों की 54 उत्तर पुस्तिकाओं की मूल कापी की मांग की थी.

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21 जनवरी को अंतिम बहस के लिए होगी सुनवाई

अर्जी में विजिलेंस ने आश्वासन दिलाया था कि लैब में जांच के बाद इसे हाईकोर्ट को वापस दें दिया जाएगा. विजिलेंस की तरफ से जांच को आगे बढ़ाने के लिए अर्जी दायर की गई थी. अर्जी के दौरान विजिलेंस द्वारा कहा गया था कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए ओरिजिनल उत्तर पुस्तिकाओं की आवश्यकता होगी. उत्तर पुस्तिकाओं में कांट-छांट, जोड़ना-घटाना और स्याही आदि की जांच फॉरेंसिक लैब में हो सकती है. इन सबकी जांच को लैब में बेहतर तरीके से पूरा किया जा सकेगा. ऐसे में अब कोर्ट की तरफ से 21 जनवरी को आखिरी बहस के लिए सुनवाई तय की गई है.

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