चंडीगढ़ । आप सभी जानते हैं कि पिछले दिनों हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा आयोजित की गई परीक्षाएं पेपर लीक होने की वजह से कैंसिल कर दी गई. तथा कई घोषित परीक्षाओं की तिथि स्थगित कर दी गई. परीक्षा में नकल और पेपर लीकेज की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. जिसको रोकने के लिए अब आयोग गंभीर हो गया है. कर्मचारी चयन आयोग चाहता है कि विधानसभा के मानसून सत्र में प्रदेश सरकार नकल के विरोधी कानून लेकर आए.
इस कानून के द्वारा नकल करवाने वाले, करने वाले और इसमें सहायता करने वालों की संपत्ति अटैच करने का प्रावधान किया जाए. आयोग द्वारा ऐसा सुझाव भी दिया गया है कि ऐसा करने वाले लोगों को कम से कम 7 साल की सजा हो और एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया जाए.
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा प्रदेश सरकार को यह प्रस्ताव दिया गया है कि यदि किसी वजह से आरोपित व्यक्ति से वसूली न होने पाए या कम वसूली हो या फिर आरोपी व्यक्ति जुर्माने को ना दे सके तो उनके लिए सजा का प्रावधान 7 साल से ज्यादा का हो. आयोग के सभी सदस्य गुरुवार को चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी के नेतृत्व में संसदीय कार्य मंत्री कवंर पाल गुर्जर तथा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता से मिले और 16 अगस्त को हुई एक बैठक का हवाला देते हुए उन्हें अनुरोध पत्र सौंपकर उनसे मांग की कि नकल विरोधी कानून बनाए जाएं.
नकल एक बड़ी चुनौती
अभी हाल ही में हरियाणा पुलिस की कांस्टेबल भर्ती परीक्षा लीक होने के बाद स्थगित कर दी गई. इस परीक्षा के स्थगित होने के बाद विपक्ष भी लगातार हमले कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि अभी तक कुल 28 परीक्षा लीक या स्थगित हो चुकी है. आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में आयोग के सभी सदस्य सत्यवान शेरा, विजय कुमार,विकास दहिया, सचिन जैन और कंवलजीत सैनी मौजूद हुए. इस बैठक में काफी देर तक विचार-विमर्श किया गया तथा यही तय किया गया कि नकल पर रोक लगाने के लिए सख्त कानूनों की आवश्यकता है. बैठक में यह प्रस्ताव भी रखा गया कि नकल विरोधी कानून में जो भी लोग आरोपित हुए उन्हें नौकरी से भी हटाया जाए.
भोपाल सिंह द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार को सौपे गए अनुरोध पत्र के अनुसार जो लोग पेपर लीकेज या नकल में दोषी पाए जाते हैं वह नौकरी के पात्र नहीं होंगे. अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि हरियाणा में विभिन्न भर्ती एजेंसियों के लिए नकल की घटनाएं बड़ी चुनौती बनी हुई है. इन से लड़ने के लिए कोई कड़ा कानून भी नहीं है. आप सभी जानते हैं कि 7 और 8 अगस्त को हरियाणा पुलिस पुलिस सिपाही भर्ती का पेपर था लेकिन लीक होने के कारण उसे भी कैंसिल कर दिया गया.
आयोग के सामने यह एक नई चुनौती पैदा हो गई है. अध्यक्ष ने कहा कि नकल करने और करवाने वालों को धारा 468, 471, 420, 120 बी के तहत सजा मिलनी चाहिए लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं होगा. आयोग ने सबकी सहमति से यह फैसला किया है कि नए कानून में कड़ी सजा का प्रावधान किया जाए ताकि पेपर लीक कराने वालों और नकल करवाने वालों पर नकेल कसी जा सके.
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