पंचकूला | डॉक्टर बनने का सपना रखने वालों को हरियाणा सरकार बड़ा झटका देने वाली है, क्योंकि उसने सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस 53 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये सालाना करने का मसौदा पेश किया है, जिसको लेकर छात्रों में काफी नाराजगी है.
हालांकि सरकार के इस फैसले पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनिल विज ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसे प्रतिभाशाली छात्रों के साथ अन्याय बताया है . क्योंकि यह फीस अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत अधिक है. चंडीगढ़ में सालाना 25 हज़ार, पंजाब में डेढ़ लाख जबकि हिमाचल प्रदेश में केवल 60 हज़ार है. इसलिए इतनी ज्यादा फीस से छात्रों के मनोबल को काफी ठेस पहुंची है.
सरकार द्वारा तैयार ड्राफ्ट की मुख्य बातें
चूंकि नीट का रिजल्ट अभी कुछ दिन पहले ही आया है इसलिए कॉलेजों में एडमिशन हेतु अभी काउंसलिंग शुरू नहीं हुई है. सरकार द्वारा तैयार ड्राफ्ट के अनुसार कॉलेज में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों को लोन देने में सरकार सहायता करेगी. जिसे भावी डॉक्टर बाद में अपने वेतन से चुका सकेंगे.
इसके साथ ही सरकार चाहती है कि लोन लेने वाले छात्रों को पहले दो साल हरियाणा में सेवा देनी होगी, हालांकि इसको लेकर अभी सहमति नहीं बनी है. इसके साथ ही प्राइवेट कॉलेजों में जहां सालाना 15 से 18 लाख रुपए फीस है. वहीं सरकारी कॉलेजों की फीस इस हद तक बढ़ाना छात्रों के साथ अन्याय है. वैसे सरकार द्वारा अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है.
सूत्रों के मुताबिक फीस के बारे में नोटिफिकेशन कॉउंसलिंग के समय ही जारी किया जाएगा. इसलिए तब तक छात्रों को सरकार के इस बारे में लिए गए अंतिम निर्णय का इंतजार करना होगा ।
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!