चंडीगढ़ | बुधवार को अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें हरियाणा सरकार (Haryana Govt) की तरफ से हाईकोर्ट में जानकारी दी गई है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) में कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनर का पद सृजित है. इस पद पर अलग से अधिकारी की नियुक्ति भी की गई है.
धन्ना राम बनाम विवेक जोशी (मुख्य सचिव) एवं अन्य से संबंधित अवमानना याचिका में बताया गया था कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने एक निर्णय में HSSC के सचिव पद पर एक योग्य उम्मीदवार को नियुक्त किया जाए, जिसे परीक्षा कराने का अनुभव हो, जैसे राज्य की यूनिवर्सिटीज में कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन होता है.
अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई
यह भी कहा गया कि डबल बेंच ने कहा था कि एचएसएससी अपने रूल बनाए, ताकि आयोग के अधिकारी या सदस्यों के स्वविवेक परीक्षा के मामले में न हो. एडवोकेट अंकुर सिधार ने जानकारी दी कि यह अवमानना याचिका बुधवार को अर्जेंट में सुनवाई के लिए तय हुई. शाम को जब सुनवाई हुई, तो सरकार ने बताया कि मुख्य सचिव किसी दूसरे काम में व्यस्त हैं. हरियाणा सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन अलग से नियुक्त है. इस पर जस्टिस हरकेश मनुजा की खंडपीठ ने नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 8 जनवरी 2025 तय की है.
एडवोकेट ने कही यह बात
एडवोकेट अंकुर सिधार ने बताया कि चूंकि डबल बेंच ने 31 मई, 2024 को सुनाए आदेश में निर्देशित किया था कि छह महीने के अंदर इनकी पालना की जाए, लेकिन 30 नवंबर 2024 तक इन निर्देशों की पालना नहीं की गई. ऐसे में यह अवमानना याचिका दायर की गई है. उन्होंने बताया कि सीईटी का रिजल्ट घोषित किए बगैर परीक्षा कराने के कारण हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि योग्य उम्मीदवार नियुक्त करने के लिए कदम उठाए जाएं.
HSSC बनाएं अपने रूल्स
यह भी निर्देश दिया था कि एचएसएससी अपने नियम तैयार करें. पर प्रतिवादीगण मुख्य सचिव विवेक जोशी और एचएसएससी चेयरमैन हिम्मत सिंह ने छह महीने बीत जाने के बाद भी निर्देशों का पालन नहीं किया. ऐसे में यह कोर्ट की अवमानना है और प्रतिवादीगणों के विरुद्ध अभियोग चलाया जाना बनता है.
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