चंडीगढ़ | हरियाणा में ग्रुप सी पदों की भर्ती में अपने आवेदन के साथ 2 साल पुराना जाति प्रमाणपत्र लगाने वाले युवा सामान्य पात्रता परीक्षा की मुख्य परीक्षा (CET Mains) में शामिल नहीं हो पाएंगे. सरकार से राहत मिलने की आशा लगाए बैठे युवाओं को मुख्यमंत्री नायब सैनी की तरफ से जवाब दिया गया है कि नए नियमों के अनुसार ही भर्ती की जाएगी. ग्रुप सी के 15,755 पदों के लिए सीईटी मेंस की शुरुआत बुधवार से होनी है.
सरकार के नियमों का पालन करेगी HSSC
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने भर्तियों में पिछड़े वर्ग के उन उम्मीदवारों के रोल नंबर जारी नहीं किए हैं, जिनके सर्टिफिकेट दो साल से ज्यादा पुराने हैं. सोमवार को बड़ी संख्या में प्रभावित युवा पंचकूला स्थित HSSC मुख्यालय में एडमिट कार्ड के लिए मौजूद रहें, लेकिन उन्हें मायूसी ही मिली. आयोग के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि वे चाहे तो हाई कोर्ट जा सकते हैं, जहां उन्हें कुछ राहत मिल सकती है. पर HSSC की तरफ से सरकार के नियमों का ही अनुसरण किया जाएगा.
प्रोविजनल आधार पर मिली अनुमति
हाई कोर्ट ने कुछ युवाओं को प्रोविजनल आधार पर परीक्षा में बैठने की अनुमति दी है, जिन्होंने अदालत की शरण ली थी. इन युवाओं के सर्टिफिकेट को पुराना बताकर भर्ती प्रक्रिया से वंचित करने की दलील हाई कोर्ट ने अस्वीकार कर दी है. हाई कोर्ट ने अंतरिम फैसले में कहा कि आयोग ने विज्ञापन में साफ लिखा है कि पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को नवीनतम सर्टिफिकेट अपलोड करना चाहिए. अन्यथा, परिवार पहचान पत्र में वर्णित वेरिफाइड जाति और कैटेगरी पर विचार किया जाएगा.
रेखा बनाम हरियाणा एंड अन्य मामले में जस्टिस महाबीर सिंह सिंधु की खंडपीठ ने शुक्रवार को सुनाए अंतरिम आदेश में बताया कि याचिकाकर्ता को भर्ती प्रक्रिया में प्रोविजनल तौर पर शामिल किया जाए. वहीं, बड़ी संख्या में युवा ऐसे हैं, जिनके पास हाई कोर्ट में जाने के लिए वकील की फीस चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं. उनकी मांग है कि हाई कोर्ट में गए जिन उम्मीदवारों को भर्ती प्रक्रिया में प्रोविजनली शामिल करने की अनुमति मिल रही है, उन्हें भी उसी तरह परीक्षा में बैठने की अनुमति प्रदान की जाए.
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