पानीपत । सीबीएसई (CBSE) बोर्ड द्वारा 12वीं कक्षा के बच्चों की समझ को विकसित करने के लिए एक नया तरीका खोजा गया है. वर्ष 2021 में आयोजित होने वाली वार्षिक परीक्षाओं में विद्यार्थी उत्तर देने में सूझबूझ का परिचय देंगे. इसके लिए बोर्ड परीक्षाओं में विद्यार्थियों से एप्लीकेशन आधारित प्रश्न पूछने का निर्णय लिया गया है. इसमें पैराग्राफ से सवाल पूछे जाएंगे. इस संबंध में सीबीएसई ने सभी स्कूलों को सूचित कर दिया है.
कोरोना के चलते अच्छे से विद्यार्थियों की पढ़ाई नहीं हो पाई है
सीबीएसई बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक कोरोना की वजह से स्कूलों में चल रही ऑनलाइन स्टडी की वजह से विद्यार्थी पढ़ाई ठीक तरह से ध्यान नहीं दे पा रहे हैं.इसी वजह से वे पाठ्यक्रम में दिए गए प्रत्येक विषय को पूरी व सही प्रकार से नहीं पढ़ व समझ रहे हैं. अधिकांश विद्यार्थी तो ऐसे होते हैं जो परीक्षा की तिथि निर्धारित होने के बाद सैंपल पेपर के आधार पर अपनी तैयारी शुरू करते हैं. विषय के अनुसार तैयारी न करने की वजह से विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने से चूक रही हैं. जिसका असर उनके करियर पर पड़ता है.
इससे होगी विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि
सीबीएसई बोर्ड के अधिकारियों की माने तो अगर विद्यार्थी Self-Study पर ध्यान दें, इसलिए 12वीं की परीक्षाओं में 10 पीस भी एप्लीकेशन आधारित प्रश्न पूछने का निर्णय लिया गया है. हर साल इसे प्रश्नों की संख्या में इजाफा किया जाएगा. इस योजना के तहत चक्कर में कहीं से भी प्रश्न पूछे जा सकेंगे. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि विद्यार्थियों को पाठ पूरी गहनता से पढ़ना पड़ेगा.जिससे उनके ज्ञान में बढ़ोतरी होगी. साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं में उनके प्रदर्शन में भी सुधार होगा.
स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल थापर कॉलोनी की प्रिंसिपल रेनू मलिक के मुताबिक बार्बी में एप्लीकेशन आधारित प्रश्न पूछे जाने से विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि होगी. इससे उनकी समझ भी विकसित होगी.
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