चंडीगढ़ । हरियाणा के 10 हजार सरकारी शिक्षकों को जल्द ही एलटीसी के 60 करोड़ रूपये मिलेंगे.बता दें कि वित्त विभाग की मंजूरी के बाद एनआईसी ने शिक्षकों के पे-कोड खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कोरोना से उपजे आर्थिक संकट के चलते पे-कोड ब्लॉक कर भुगतान रोक दिया गया था. शिक्षकों को वर्ष 2016-19 के लिए एलटीसी के रूप में एक माह का वेतन मिलना है.
इसलिए रोकी थी एलटीसी
सरकार ने 2020 में कोरोना महामारी के चलते एलटीसी देने पर रोक लगा दी थी.इसे बहाल करने के लिए हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन ने नवंबर 2021 से प्रयास शुरू कर दिए थे. जिलों से जानकारी मिलने के बावजूद डेढ़ माह तक यह फाइल वित्त विभाग में अटकी रही, जबकि एलटीसी का सरकारी बजट अक्टूबर 2021 में ही जारी कर दिया गया था. अब 22 मार्च को वित्त विभाग ने फाइल को मंजूरी दे दी है.
एक-दो दिन में खुल जाएंगे पे कोड
इसके बाद एनआईसी ने शिक्षकों के पे-कोड खोलना शुरू कर दिया है.अब शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में बिल बनाकर कोषागार में जमा कराएंगे, उसके बाद राशि जारी की जाएगी.यह राशि हर चार साल में घूमने फिरने के लिए दी जाती है. वित्त विभाग की मंजूरी के बाद एनआईसी ई-वेतन पोर्टल पर जाकर शिक्षकों के पे-कोड को अनब्लॉक कर रहा है.एक-दो दिन में सबके पे-कोड खुल जाएंगे.
कैसे मिली मंजूरी
हसला के प्रदेश प्रधान सतपाल सिंधु, प्रेस सचिव अजीत चंदेलिया और पूर्व प्रधान दयानंद दलाल ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद एलटीसी की फाइल को वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है. सतपाल सिंधु के नेतृत्व में हसला प्रतिनिधिमंडल ने 16 मार्च 2022 को अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त टीवीएसएन प्रसाद से मुलाकात की उन्होंने दृढ़ता से अपना पक्ष रखा, तब जाकर प्रसाद ने मंजूरी दे दी है.
जानिए क्या है एलटीसी
LTC का फुल फॉर्म “लीव ट्रैवल कंसेशन” है, इसे हिंदी में “लीव ट्रैवल कंसेशन” कहा जाता है। और हिंदी में इसका मतलब होता है “छोड़ो यात्रा रियायत”. भारत सरकार ने 1956 में एलटीसी की सुविधा शुरू की थी, जिसे समय-समय पर जारी आदेशों द्वारा नियंत्रित किया जाता रहा है. 1988 में, इन सभी आदेशों को केंद्रीय सिविल सेवा (एलटीसी) नियम, 1988 के रूप में लागू किया गया था.
स्पष्ट है कि इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए सरकारी कर्मचारी को छुट्टी के लिए आवेदन करना होगा. जब उस कर्मचारी की छुट्टी सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत हो जाती है तो वह यात्रा शुरू कर सकता है.
अवकाश यात्रा रियायत की सुविधा का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को यात्रा के दौरान दो बातों का ध्यान रखना चाहिए. पहला यह कि यदि वह कर्मचारी गृहनगर की यात्रा करता है तो उसे अपने मुख्यालय से गृहनगर तक की यात्रा का प्रमाण देना होगा. इसी तरह, अगर वह अपने परिवार के साथ देश के किसी भी हिस्से की यात्रा करता है, तो उसे उस गंतव्य की यात्रा का प्रमाण देना होगा.
यदि उस कर्मचारी का परिवार केवल यात्रा पर है तो वह एलटीसी की प्रतिपूर्ति के लिए दावा नहीं कर सकता है. दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि यात्रा के दौरान रेल, सड़क, हवाई आदि से यात्रा पर हुए खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए ही एलटीसी का दावा किया जा सकता है.होटल, भोजन, दर्शनीय स्थलों की यात्रा, टैक्सी और ऑटो किराए और ऐसे अन्य खर्चों की प्रतिपूर्ति के लिए दावा नहीं किया जा सकता है.
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