चंडीगढ़ को प्रदुषण मुक्त बनाने का खाका तैयार, 2025 तक दोडेंगे 100% इलेक्ट्रिक टू व्हीलर

चंडीगढ़ | सिटी ब्यूटीफुल के नाम से विख्यात हरियाणा व पंजाब की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ की सड़कों पर हर तीन मिनट बाद नया वाहन उतर रहा है. वाहनों की बढ़ती संख्या का आंकड़ा विस्फोटक रूप अख्तियार कर चुका है. निजी वाहनों की बढ़ती संख्या का आंकड़ा न केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भारी पड़ रहा है बल्कि धुआं उगलते वाहन शहर में प्रदुषण लेवल को खतरनाक स्तर की ओर लेकर जा रहें हैं. इस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

Electric Vehicle

चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा डीजल बसों को सिटी सर्विस के लिए खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और साथ ही इलेक्ट्रिक को छोड़ सभी आटो के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी गई है. वहीं वाहनों को लेकर भी पालिसी में कड़े प्राविधान किए गए हैं. पेट्रोल और डीजल वाहनों के विकल्प के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों की समय सीमा निर्धारित करते हुए साल 2030 तक चंडीगढ़ को जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला शहर बनाने की योजना तैयार कर ली गई है. इसके तहत साल 2027 तक जिन भी नए वाहनों का शहर में पंजीकरण होगा, उनमें 80 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक होंगे जबकि मात्र 20 प्रतिशत वाहन डीजल वर्जन होंगे.

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प्राइवेट गाड़ियों के लिए भी टारगेट

निजी कारों में भी हर साल के हिसाब से टारगेट निर्धारित किया गया है. ईवी पालिसी के पांच साल बाद 2027 तक 50 प्रतिशत निजी कारों को इलेक्ट्रिक में बदला जाएगा. इस साल से जितनी भी कारों का पंजीकरण होगा उनमें आधी संख्या इलेक्ट्रिक कारों की होगी. वहीं कमर्शियल श्रेणी में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का ही पंजीकरण किया जाएगा और पेट्रोल- डीजल वाहनों के पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी.

डीजल बस खरीद पर रोक

वहीं बसों को भी 2027 तक इलेक्ट्रिक या वैकल्पिक ईंधन पर चलना सुनिश्चित किया जाएगा. ईवी पालिसी के बाद पहले साल 40, दूसरे साल 50, तीसरे साल 80, चौथे साल 90 और फिर पांचवें साल रजिस्टर्ड होने वाली 100 फीसदी बस इलेक्ट्रिक ही होंगी. वहीं चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा लंबे रूट्स के लिए ही डीजल बसों की खरीद की जा रही है जबकि सिटी सर्विस के लिए डीजल बसों की खरीद पर पूर्णतया रोक लगा दी गई है. वहीं पहले से सिटी सर्विस के रुप में सेवा दे रही डीजल बसों को CNG में बदलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

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20 सितंबर को मीटिंग के बाद लागू होगी पालिसी

ईवी पालिसी के लिए 20 सितंबर को एडवाइजर धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में कमेटी की मीटिंग बुलाई गई है. शहरवासियों और मैन्यूफेक्चरिंग कंपनियों से जो सुझाव पालिसी ड्राफ्ट पर मिले हैं उनके अनुसार ड्राफ्ट में कुछ बदलाव कर लिए गए हैं और इस मीटिंग के बाद पालिसी की अधिसूचना जारी करते हुए इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा.

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पहले दो साल में 100 चार्जिंग स्टेशन बनेंगे

पालिसी के तहत पहले साल 50 तथा दूसरे साल 100 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे. साथ ही पालिसी लागू होने के छह महीने के भीतर सभी पेट्रोल पंपों को अपने यहां चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने होंगे.

इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी की खास बातें

  1. ई- कार की खरीद पर 2 लाख रुपए इंसेंटिव मिलेगा.
  2. स्क्रैप पालिसी के तहत पुराना वाहन देकर ईवी खरीद पर 7 हजार रुपए मिलेंगे.
  3. प्रावइेट चार्जिग प्वाइंट स्थापित करने पर 6 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में मिलेंगे.
  4. घर या वर्क प्लेस पर चार्जिंग प्वाइंट बनाने के लिए बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन किया जाएगा.
  5. App से ईवी चार्जिंग प्वाइंट, खाली स्लाट और टैरिफ की जानकारी मिलेगी.
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