चंडीगढ़ | हरियाणा के डिपो में एक हजार नई बसें जुड़ेंगी. राज्य सरकार ने इन बसों को किलोमीटर स्कीम के तहत परिवहन बेड़े में शामिल करने का फैसला किया है. इन नई बसों में डीजल के अलावा इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाली बसें भी शामिल की जाएंगी. सरकार ने 150 और एसी बसें खरीदने की भी मंजूरी दे दी है. ये बसें लंबे रूटों पर चलाई जाएंगी. एसी बसों की बढ़ती मांग के बाद सरकार ने इनकी संख्या बढ़ाने का फैसला किया है.
सरकार निजी डीलरों को करती है भुगतान
बसों की किलोमीटर स्कीम का मतलब है कि हरियाणा सरकार इन बसों को निजी डीलरों से किराए पर लेती है. इन बसों के ड्राइवर और कंडक्टर हरियाणा सरकार के हैं. बस का किराया राज्य सरकार द्वारा निजी डीलर को प्रति किलोमीटर के आधार पर भुगतान किया जाता है.
हाल ही में इस योजना को लेकर बस ड्राइवरों और कंडक्टरों में काफी गुस्सा था. वे इस योजना के ख़िलाफ़ थे और रोडवेज के बेड़े में अपनी बसें शामिल करने की मांग कर रहे थे, उनका कहना था कि राज्य सरकार द्वारा निजी डीलरों को दिया जाने वाला किराया ज़्यादा है. अब तक राज्य परिवहन बेड़े में किलोमीटर स्कीम के तहत 563 बसें संचालित हो रही हैं, ये सभी डीजल बसें हैं.
परचेज कमेटी की बैठक में रखा जाएगा मुद्दा
परिवहन मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने परिवहन विभाग की 500 नई बसें खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सरकार ने 150 मिनी इलेक्ट्रिक बसें खरीदने का फैसला किया है. शर्मा के मुताबिक, परिवहन बेड़े में बसों की संख्या बढ़ाकर 5300 कर दी गई है. वहीं, 500 नई बसें खरीदी जाएंगी. योजना के अंतर्गत 1000 बस किलोमीटर स्कीम में शामिल किये जायेंगे.
पहले सरकार बसों की चेसिस खरीदती थी और फिर उन्हें तैयार करती थी. जल्द ही बस खरीद का एजेंडा हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में रखा जाएगा, ताकि इनकी खरीद का ऑर्डर दिया जा सके. ये सामान्य बसें होंगी, जिन्हें संबंधित कंपनी पूरी तरह तैयार करके भेजेगी.
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