चंडीगढ़ | हरियाणा में अब चिराग योजना में गरीब परिवारों के विद्यार्थियों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिले का एक और मौका मिलेगा. इसके लिए पात्र परिवारों के विद्यार्थी 26 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं. वहीं, आवेदन अधिक मिलने पर 27 जुलाई को ड्रॉ निकाला जाएगा. स्कूलों में खाली सीटों का ब्योरा भी शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी कर दिया है.
प्रदेश में 13,462 सीटें खाली
आपकी जानकारी के लिए बता दे प्रदेश में 13,462 सीटें खाली हैं. इसे लेकर निदेशालय की ओर से निर्देश दिए गए हैं. दाखिले के लिए परिवार पहचान पत्र अनिवार्य है. दाखिला उसी विद्यार्थी को मिलेगा, जिसके परिवार की सालाना आय 1.80 लाख रुपए से कम होगी. विद्यार्थी एक से ज्यादा स्कूलों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. दाखिला उनके खंड में ही मिलेगा.
दाखिले कक्षा 3 से 12वीं तक में दिए जाएंगे
विद्यार्थियों को उनके ब्लॉक में ही दाखिला मिलेगा. आदेशों में कहा गया है कि यह सामने आया है कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 में जो विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में पढ़ चुके हैं. अब भी सरकारी स्कूलों में ही पढ़ रहे हैं और आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वे दाखिला ले सकते हैं. दाखिले कक्षा 3 से 12वीं तक में दिए जाएंगे.
पिछले सप्ताह सीएम खट्टर ने कही थी ये बातें
हरियाणा सरकार ने पिछले सप्ताह कहा था कि राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों को अब बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर निजी स्कूलों में प्रवेश मिलेगा. इससे पहले, निजी स्कूलों में बच्चों के प्रवेश के संबंध में दो नियम लागू थे- बच्चों का मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियम 2011 और हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 2003 का नियम 134- ए.
बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियम 2011 भारत सरकार के निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के लिए बच्चों के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत लाया गया था. सरकार ने हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 2003 के नियम 134ए को रद्द करने का फैसला किया है. हालांकि, जिन बच्चों ने राज्य के मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत प्रवेश लिया है, वे उन्हीं स्कूलों में नियम 134ए के तहत अपनी शिक्षा पूरी करेंगे.
इससे पहले, निजी स्कूलों में बच्चों के प्रवेश के संबंध में दो नियम लागू थे- बच्चों का मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियम, 2011, और हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 2003 का नियम 134- ए. बच्चों का निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियम 2011 भारत सरकार के निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत लाया गया था. इसके अनुसार 25 सीटें ईडब्ल्यूएस वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित हैं. नियम 134ए के तहत 2007 में बीपीएल/ ईडब्ल्यूएस वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को कक्षा 2 से कक्षा 12वीं तक 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश देने का प्रावधान किया गया था.
इसके बाद, राज्य सरकार ने 2013 में इसमें संशोधन किया और केवल 10 फीसदी सीटों पर प्रवेश देने का प्रावधान किया लेकिन अब राज्य सरकार ने नियम 134ए को हटाकर शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के दिशा- निर्देशों के तहत निजी स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चों को 25 फीसदी प्रवेश सुनिश्चित कर दिया है. नया अधिनियम ईडब्ल्यूएस छात्रों को 25 प्रतिशत प्रवेश पर लाभ प्रदान करता है जबकि नियम 134ए केवल 10 प्रतिशत पर लाभ प्रदान करता है.
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