हरियाणा में 2000 अवैध कॉलोनियां होगी नियमित, लाखो लोगो को मिलेगी बड़ी राहत

चंडीगढ़ | मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को कहा कि पूरे हरियाणा में अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने के लिए शहरी स्थानीय निकाय और टाउन कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए कानून और नीतियों में संशोधन किए जाने की आवश्यकता है. ऐसी 2,000 कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया जारी है.

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CM खट्टर ने यह भी कहा कि सोमवार से सभी रजिस्टर्ड डीड का म्यूटेशन अपने आप हो जाएगा. पहले, लोगों को म्यूटेशन करवाने के लिए कई महीनों, कभी- कभी वर्षों तक भी इंतजार करना पड़ता था लेकिन, इस नई व्यवस्था के साथ एक बार विलेख पंजीकृत होने के बाद इसे राज्य सरकार के वेब पोर्टल पर डाल दिया जाएगा. यदि कोई विक्रय पत्र के विरुद्ध आपत्ति करना चाहता है तो वह 10 दिन के भीतर आपत्ति कर सकता है. यदि 10 दिनों के भीतर पोर्टल पर कोई आपत्ति प्राप्त नहीं होती है तो उत्परिवर्तन स्वचालित रूप से हो जाएगा.

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एसडीएम और डीआरओ भी कर सकेंगे रजिस्ट्रियां

एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए CM खट्टर ने कहा कि तहसीलदारों के अलावा, अब उप- विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और जिला राजस्व अधिकारी (डीआरओ) को भी उनकी संबंधित तहसीलों में संपत्ति के पंजीकरण के लिए अधिकृत किया गया है. जल्द ही हम एक नई प्रणाली शुरू करेंगे जिसके तहत संपत्ति की रजिस्ट्री किसी भी जिले में कहीं भी की जा सकेगी. सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है कि किसी को अपना काम कराने के लिए लंबी कतार में खड़ा न होना पड़े या समय न लगे. वे दिन गए जब लोग म्यूटेशन कार्य के लिए सदियों तक इंतजार करते थे, अब हम सब कुछ आईटी प्लेटफॉर्म पर ला रहे हैं.

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वापस लिए जाएंगे अनुसूचित जाति के खिलाफ दर्ज 54 मुकदमे

हरियाणा सरकार ने 2017 में दर्ज एससी (SC) समुदाय के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का फैसला किया है. वर्ष 2017 में, एक आंदोलन किया गया था जिसमें एससी समुदाय के लोगों के खिलाफ 54 मामले दर्ज किए गए थे. लगभग 117 को गिरफ्तार किया गया और कई का नाम एफआईआर में दर्ज किया गया. हमने फैसला किया है कि ये सभी मामले वापस ले लिए जाएंगे, बशर्ते अपराध जघन्य न हो. इसके साथ ही खट्टर ने उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ‘हरियाणा उदय’ आउटरीच कार्यक्रम के तहत अधिकतम सार्वजनिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए. यह कार्यक्रम राज्य में सामुदायिक संबंधों को मजबूत करने और जिला प्रशासन, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और जनता के बीच की खाई को पाटने के उद्देश्य से शुरू किया गया है.

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खट्टर ने एक और अधिकारी को किया सस्पेंड

जिला नगर योजनाकार रोहतक को स्वीकार्य क्षेत्र से परे निर्मित मकानों को कब्ज़ा प्रमाण पत्र जारी करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निर्देश पर गुरुवार को निलंबित कर दिया गया. इस संबंध में सीएम विंडो पर 24 जनवरी 2022 और फिर 5 जनवरी 2023 को शिकायत प्राप्त हुई थी. जांच की गई तो पता चला कि 10 बिल्डरों ने ईडीसी जमा नहीं की है. तहसीलदार को कार्रवाई करनी थी और आगे की जांच करनी थी लेकिन पता चला कि उसी जिला नगर योजनाकार को जांच दी गयी जिसके खिलाफ शिकायत मिली थी. इसके बाद वरिष्ठ नगर योजनाकार ने पाया कि जिला नगर योजनाकार के खिलाफ शिकायत में लगाए गए आरोप सही पाए गए. इस प्रकार, उन्हें निलंबित कर दिया गया.

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