चंड़ीगढ़ | इन दिनों हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की कार्यप्रणाली से उनके विधायक नाखुश हैं. पहले नारनौंद विधायक रामकुमार गौतम, फिर नरवाना विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा, गुहला चीका विधायक ईश्वर सिंह और अब बरवाला विधायक जोगीराम राम सिहाग भी नाराज हैं. इनमें से कुछ की नाराजगी की वजह मंत्री पद तो कुछ के विकास कार्य थे.
जजपा को हो सकता है चुनावी नुकसान
विधायक ने फोन नहीं उठाने और उनकी बात नहीं सुनने का भी आरोप लगाया है. हालांकि, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला समय- समय पर नाराज विधायकों को सार्वजनिक तौर पर नसीहत भी दे चुके हैं लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले लोकसभा चुनाव आने में डेढ़ साल का वक्त बचा था. ऐसे में इन विधायकों की नाराजगी जजपा को चुनावी नुकसान पहुंचा सकती है.
हरियाणा में साल 2019 के विधानसभा में जजपा ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी को समर्थन देकर गठबंधन में सरकार बनी और दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बने. सबसे पहले नारनौंद विधायक रामकुमार गौतम ने मंत्री पद नहीं मिलने पर अपनी पार्टी से नाराजगी जताई. वह आज भी डिप्टी सीएम को कोसने का मौका नहीं छोड़ते हैं. साथ ही, वह मनोहर लाल की तारीफ करने से भी नहीं हिचकिचाते.
नरवाना विधायक रामनिवास सुरजेखेड़ा से मिलने के लिए उन्हें अक्टूबर 2020 में खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था. नगरीय निकाय चुनाव में सुरजाखेड़ा का भाजपा प्रेम जागा और निर्दलीय जीते अध्यक्ष व पार्षदों को सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में भाजपा में शामिल कराया. इसके बाद, जजपा ने नाराजगी दिखाते हुए उनसे ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष का पद छीन लिया. विधायक के समर्थकों ने उनका पुतला भी फूंका.
वहीं, गुहला चिका के विधायक ईश्वर सिंह भी अपने क्षेत्र में विकास कार्य नहीं होने से नाराज हैं और पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं. नाराज विधायक समय- समय पर सार्वजनिक मंचों पर सीएम मनोहर लाल की तारीफ करते नजर आते हैं.
हिसार एयरपोर्ट मामले पर भड़के जोगीराम सिहाग
बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग भी हिसार एयरपोर्ट के तलवंडी राणा गांव की ओर जाने वाली सड़क बंद होने से नाराज हैं. डिप्टी सीएम ने विधायक का फोन नहीं उठाया. ऐसे में जब कल धरने पर डिप्टी सीएम और जेजेपी के खिलाफ नारेबाजी की गई तो जेजेपी विधायक चुपचाप सुनते रहे. मीडिया से बात करते हुए विधायक ने कहा कि वह सरकार से नाराज हैं और ग्रामीणों के साथ हैं.
2024 में होना है चुनाव
हरियाणा में अगला विधानसभा चुनाव साल 2024 में है. इन चुनावों में पार्टी से नाराज विधायकों का टिकट काटना तय है. नारनौंद और नरवाना में पार्टी के नए उम्मीदवारों का मैदान में उतरना तय है. गुहला चीका विधायक ईश्वर सिंह भी चुनाव से पहले कांग्रेसी थे और टिकट नहीं मिलने पर जेजेपी से लड़े थे. ऐसे में वह भी पुरानी पार्टी में वापसी कर सकते हैं.
वहीं, नरवाना विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा ने अपने क्षेत्र में विकास कार्य करवाने का श्रेय सीएम को दिया है. भगवा रंग में रंग सकते हैं. रामकुमार गौतम कई बार सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि वह अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे.
अगर गठबंधन में चुनाव लड़ा तो टिकट मिलना मुश्किल
हरियाणा में अगर बीजेपी-जेजेपी गठबंधन अगला विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ती है तो जेजेपी के असंतुष्ट विधायकों के लिए बीजेपी से टिकट पाना आसान नहीं होगा. ऐसे में इन विधायकों को अन्य पार्टियों का विकल्प तलाशना होगा जिसमें कांग्रेस, इनेलो, आम आदमी पार्टी होगी. हालांकि, एक बार फिर दोनों पार्टियों के गठबंधन पर संशय बना हुआ है.
जेजेपी के लिए चुनौती
हरियाणा के विधायकों की नाराजगी से जजपा को उन सीटों पर चुनौती का सामना करना पड़ेगा. मौजूदा विधायक अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों की कमी की शिकायत करते रहे हैं. ऐसे में जेजेपी के लिए इन सीटों पर चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा. दूसरे पक्ष की कार्यशैली पर सवाल उठते हैं.
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