हरियाणा के 30 लाख शुगर मरीजों पर मंडरा रहा खतरा, बचाव ही एकमात्र उपाय

चंडीगढ़ । पूरे देश में कोरोना संक्रमण के फैल जाने के पश्चात अब लोगों को आंखों की बड़ी बीमारी ब्लैक फंगस से जूझना पड़ रहा है. ब्लैक फंगस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव कोरोना संक्रमित शुगर के मरीजों पर दिखाई दे रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा राज्य में 10.4 प्रतिशत लोग शुगर से पीड़ित है. इसका मतलब है कि 2.86 करोड़ की कुल आबादी में से 30 लाख 30 हजार लोगों पर ब्लैक फंगस महामारी का खतरा है.

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह बात साफ कर चुके हैं कि जो लोग शुगर के मरीज हैं उन लोगों पर ब्लैक फंगस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा है. क्योंकि ऐसे मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है. हरियाणा राज्य में अभी ब्लैक फंगस बीमारी के 50 से अधिक मामले सामने आए हैं. इनमें से 27 मरीज रोहतक पीजीआई में एडमिट है. गुरुग्राम के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भी 10 मरीज एडमिट हो चुके हैं. 6 मरीज hisar के अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में एडमिट है.

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ब्लैक फंगस बीमारी की वजह

कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता, ब्लड शुगर, स्टेरॉयड के अतिरिक्त ऑक्सीजन पाइप से इन्फेक्शन फैल सकता है. ऑक्सीजन के लगातार प्रयोग से वेट एनवायरमेंट बनता है, जिसकी वजह से ब्लैक फंगस को फैलने में सहायता होती है.

ब्लैक फंगस बीमारी से बचने के लिए करें यह उपाय

ब्लैक फंगस ऑक्सीजन पाइप में ना रह जाए इसलिए पाइप को बार-बार साफ करना अनिवार्य है. खासकर आईसीयू क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले ऑक्सीजन सिलेंडर से संबंधित लाइंस व उपकरणों के सभी पार्ट को साफ रखना आवश्यक है.

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