चंडीगढ़ | हरियाणा में इस बार गौशालाओं में चारे का संकट नहीं होगा. इसके लिए राज्य में 450 गौशालाओं के लिए सरकार द्वारा 36 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश की गौशालाओं को लेकर सरकार गंभीर है. प्रदेश की गौशालाओं के बजट में पहली बार अभूतपूर्व वृद्धि की गई है. पहले गौशालाओं के लिए 40 करोड़ रुपये का बजट था, इस बार इसे बढ़ाकर 400 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
गौशालाओं को पैसा जारी करने का बताया कारण
मुख्यमंत्री ने गौशालाओं को पैसा जारी करने का कारण भी बताया. उन्होंने कहा कि इस समय फसल की कटाई हो रही है. गौशालाओं को चारे के लिए भूसा चाहिए. इसे देखते हुए सरकार ने गौशालाओं को पैसा जारी कर दिया है अब प्रदेश की गौशालाओं में चारे की कमी नहीं होगी.
गौशाला के लिए लीज पर मिलेगी जमीन
हरियाणा में गौशाला स्थापित करने की इच्छुक संस्थाएं पंचायती जमीन 20 साल के लिए लीज पर ले सकेंगी. इसमें गौशाला के साथ बायोगैस प्लांट, पंचगव्य उत्पाद, पशु चिकित्सालय, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किया जा सकता है. इसके लिए, हरियाणा सरकार ने पंजाब विलेज कॉमन लैंड रूल्स में संशोधन किया है. गौशालाओं में पट्टाधारक को पट्टे की अवधि में कुल पशु आबादी का कम से कम 50 प्रतिशत गौशाला में रखना होगा.
पंचायतों को दिया अधिकार
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब ग्राम पंचायत को अपने भूमि आवंटन के माध्यम से न्यूनतम 5,100 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से 20 वर्ष तक की अवधि के लिए पट्टे पर देने की अनुमति होगी. पहले यह राशि एक हजार रुपये थी. उन्होंने बताया कि पंचायत प्रस्ताव पास करेगी और एक एकड़ से कम लगभग सवा एकड़ जमीन गौशाला के शेड के लिए होगी और बाकी जमीन पशु चिकित्सा, पंचगव्य उत्पाद और पशुओं से संबंधित अन्य रख-रखाव के लिए होगी. इससे पशुओं की देख रेख की जा सकेगी.
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