चंडीगढ़ | हरियाणा पुलिस ने एक बड़े स्तर पर माल एवं सेवा कर यानी जीएसटी घोटाले के ख़िलाफ़ एक सुव्यवस्थित अभियान के अन्तर्गत कार्रवाई करते हुए जीएसटी फर्जी चालान बिल घोटाले में शामिल फर्जी फर्मों के चार प्रमुख गिरोह के साथ साथ कुछ और आरोपियों का भी पर्दाफाश किया है. ऐसे में इन नकली फर्मों ने धोखाधड़ी का सहारा लेते हुए कुल 464.12 करोड़ रूपए से भी ज्यादा की राशि का गोलमाल कर सरकारी खजाने को एक बड़े स्तर पर हानि पहुंचाई है. इन सभी ठगो की सांठगांठ न सिर्फ़ हरियाणा चल रही है, अपितु यह सब ठग एक समय पर पूरे देश में सक्रिय हैं.
89 अभियुक्तों को कर लिया गया गिरफ्तार, 112 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की हुई रिकवरी
जीएसटी फर्जी चालान घोटाले में पुलिस ने अब तक कुल 112 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की रिकवरी कर ली है. ऐसे में जाली जीएसटी आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी जीएसटीआईएन का भी पुलिस की ओर से खुलासा किया है. इस मामले में अब तक राज्य अपराध शाखा के पास कुल 72 पुलिस केस दर्ज हुए हैं, जिसमें फ़िलहाल 89 अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इस अपराधिक मामले की गिरफ्तारी में अब तक कुल 40 लोगो सहित गोविंद शर्मा, गौरव, अनुपम सिंगला और राकेश अरोड़ा के खिलाफ केस, पुलिस थानों में दर्ज किए गए हैं.
घोटाले के दौरान कई फर्मों व कंपनियों के लिए नकली चालान भी हुए जारी
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव ने संवादाताओं से बातचीत करते समय बताया है कि बीते रविवार के दिन इन व्यक्तियों ने नकली ई- वे बिल (कंसाइनमेंट ट्रांसपोर्ट करने के लिए जीएसटी से संबंधित चालान) के माध्यम से माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना कई फर्मों व कंपनियों के लिए नकली चालान जारी किए है. साथ ही साथ में यह भी खुलासा किया है कि नक़ली जीएसटी चालान, ई- वे बिल और नक़ली बैंक लेनदेन की सहायता से इन सभी गिरोह की ओर से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई है.
वहीं अब इस मामले में गहनता से जांच करने के पश्चात, यह भी सामने आया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से कुछ ऐसे भी आरोपी है, जो बार -बार आर्थिक अपराध करने के आदि है.
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