हरियाणा में बिजली संकट पर अदाणी पावर ने लिया बड़ा फैसला, सरकार के साथ हुआ ये समझौता

चंडीगढ़ | गर्मी की दस्तक के साथ ही हरियाणा में बिजली संकट गहराने के संकेत मिल रहे हैं. अदाणी पावर ने हरियाणा को लेकर बड़ा फैसला लिया है. बिजली घरों में कोयले के संकट को देखते हुए कंपनी ने हरियाणा को आपूर्ति की जाने वाली बिजली में 16 फीसदी कटौती करने का फैसला किया है. इसके लिए अदाणी पावर हरियाणा सरकार के साथ हुए बिजली खरीद समझौते में संशोधन कर रही है. कंपनी ने कहा कि अगर हरियाणा को और बिजली की जरूरत है तो उसे आयातित कोयले से पैदा होने वाली बिजली के लिए अतिरिक्त भुगतान करना होगा.

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Electricity Board

इस वर्ष अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है इसलिए इस वर्ष बिजली की मांग अधिक रहेगी. इस मुश्किल घड़ी में अडानी के इस फैसले का असर हरियाणा के उद्योगों और शहरी उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है.

यहां होगी बिजली की आपूर्ति

अदानी समूह की कंपनी अदानी पावर ने हरियाणा की उत्तर और दक्षिण हरियाणा विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) दोनों को बिजली आपूर्ति कम करने का फैसला किया है. कंपनी ने बीएसई फाइलिंग में कहा कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड के साथ बिजली खरीद समझौते में संशोधन करके इसे 712 मेगावाट से घटाकर 600 मेगावाट प्रति डिस्कॉम किया जा रहा है.

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यह ध्यान दिया जा सकता है कि अडानी पावर ने हरियाणा में अपने मुंद्रा संयंत्र से उत्पन्न होने वाली दो डिस्कॉम को 720 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करने के लिए एक खरीद समझौता किया था. अब इस समझौते को संशोधित कर आपूर्ति की जाने वाली बिजली को संशोधित कर 600 मेगावाट कर दिया गया है. ऐसे में हरियाणा को प्रतिदिन 1,424 मेगावॉट की जगह 1,200 मेगावॉट बिजली मिलेगी. कंपनी ने कहा कि घरेलू कोयले की उपलब्धता को देखते हुए समझौते की शर्तों में बदलाव करना पड़ा.

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अभी 8,000 मेगावाट बिजली की डिमांड

वर्तमान में राज्य में 8,000 मेगावाट बिजली की मांग है लेकिन जैसे- जैसे पारा चढ़ेगा, बिजली की मांग और बढ़ेगी. वर्तमान में प्रदेश की कुल क्षमता 13 हजार मेगावाट तक है. गर्मी के पीक सीजन जून और जुलाई में यह मांग 13 हजार तक का आंकड़ा छू सकती है. इस बार गर्मी जल्दी शुरू होने और उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने से मांग 13,500 मेगावाट तक जा सकती है. लिहाजा, अडानी पावर से राज्य को बिजली की आपूर्ति कम होने से बिजली उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

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