हरियाणा की मंजूरी के 2 साल बाद प्रमुख आरआरटीएस खंड पर होगा काम, केंद्र की मंजूरी का इंतजार

चंडीगढ़ | लंबे  इंतजार के बाद आखिरकार क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के दिल्ली-अलवर कॉरिडोर के पहले चरण का कार्य चल रहा है. राज्य सरकारों द्वारा अनुमोदित यह कोरिडोर दिल्ली और राजस्थान में शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ (एसएनबी) शहरी परिसर के बीच चलेगा.  हरियाणा और राजस्थान के बाद अब केंद्र से अंतिम मंजूरी मिलने तक परियोजना पर सिविल कार्य शुरू होना बाकी है.

Fourlane Highway

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी)के अधिकारियों के अनुसार, हरियाणा और राजस्थान ने कॉरिडोर के लिए क्रमशः फरवरी और जून 2019 में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दी थी. जिसके बाद दस्तावेज़ को अनुमोदन के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया था.

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पहले चरण में किन कोरिडोर पर होगा काम

आरआरटीएस के पहले चरण में तीन कॉरिडोर- दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर और दिल्ली-पानीपत को प्राथमिकता दी जा रही है. दिल्ली-अलवर कॉरिडोर का निर्माण तीन चरणों में किया जाएगा. जिनमें से पहला दिल्ली में सराय काले खान और एसएनबी अर्बन कॉम्प्लेक्स के बीच 107 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर होगा जो गुरुग्राम से होकर चलेगा। इस खंड का करीब 83 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में, 22 किलोमीटर दिल्ली में और दो किलोमीटर राजस्थान में पड़ेगा. इस कॉरिडोर के 16 स्टेशनों में से सात गुरुग्राम में होंगे, जिनमें से दो अंडरग्राउंड होंगे जबकि बाकी एलिवेटेड होंगे. गलियारे के दो छोरों के बीच यात्रा का समय 70 मिनट होगा.

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एनसीआरटीसी तथा आईडीपीएल कार्यालय के बीच कुछ बिजली वितरण लाइनों को डुंडाहेड़ा और राजीव चौक में भी स्थानांतरित कर रहा है. इसका करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है. कॉरिडोर के एलिवेटेड सेक्शन के लिए सड़क चौड़ीकरण के संदर्भ में, अधिकारियों ने कहा कि यह आईडीपीएल कार्यालय और अतुल कटारिया चौक के बीच के हिस्से पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जहां लगभग 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.

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दिल्ली-अलवर गलियारे के दिल्ली-एसएनबी खंड के समान, अधिकारियों ने कहा कि 103 किलोमीटर लंबे दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस गलियारे को भी केंद्र सरकार से मंजूरी का इंतजार है. इसके उलट 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर काम जोरों पर चल रहा है. “दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर काफी उन्नत चरण में है. एनसीआरटीसी के एक अधिकारी ने कहा, हम अगले साल के अंत तक इसके पहले प्राथमिकता वाले खंड को चालू करने में सक्षम होने की उम्मीद कर रहे हैं. हालांकि लक्षित समयसीमा मार्च 2023 थी.

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