चंडीगढ़ | हरियाणा में स्कूल छोड़ चुकी छात्राओं को वापस लाने के लिए शिक्षा विभाग ने विशेष योजना बनाई है. इसके साथ ही, घटते लिंगानुपात को लेकर विभाग ने गंभीरता दिखानी शुरू की है. इसके तहत, स्कूलों में फिर बालिका मंच गठित किए जाएंगे. वर्ष 2015 में मंच गठित किए गए थे. अब इनका पुनर्गठन किया जाएगा. इसे लेकर हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिलों में पत्र भेजा है.
स्कूल छोड़ने वाली छात्राओं की होगी पहचान
विभाग के आदेशों के अनुसार, अब हर सप्ताह सरकारी स्कूलों में बालिका मंच के तहत बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम में मन की बात को साझा किया जाएगा. कक्षा 6 से 12वीं तक की छात्राएं इसमें भाग लेंगी. अब मंच से छात्राओं को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. हर स्कूल में मंच से 5 छात्राओं को जोड़ा जाएगा. मंच से जुड़ने के बाद ये छात्राएं अपने आसपास उन छात्राओं की पहचान करेंगी जो स्कूल को छोड़ चुकी हैं.
स्टाफ पहले से ही कर रहा है काम: डॉ. धर्मवीर
अतिरिक्त परियोजना समन्वयक डॉ. धर्मवीर सिंह का कहना है कि स्टाफ तो इस दिशा में लगाया हुआ 1 है. कई बार बच्चे शिक्षक को खुलकर वजह नहीं बता पाते हैं लेकिन हमउम्र से वे बेझिझक अपनी बात शेयर कर सकती हैं. इसी सोच के साथ बालिका मंच दोबारा गठित किए जाएंगे. अगर विभाग के पास छात्राओं के स्कूल छोड़ने की सही वजह होगी तो उसमें उनकी मदद करना आसान रहेगा. उन्हें दोबारा क्लास रूम तक लाने में मुश्किल नहीं होगी.
हर माह तीसरे शनिवार को दो घंटे होगा कार्यक्रम
डॉ. धर्मवीर ने बताया इस कार्यक्रम को करने के लिए हर माह के तीसरे शनिवार का दिन तय किया गया है. यदि शनिवार को अवकाश रहता है, उससे एक दिन पहले कार्यक्रम होगा. कार्यक्रम के लिए दो घंटे का समय निर्धारित किया है. उससे पहले नियमित कक्षा चलेगी. जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रम सही हो इसके लिए उनके अलावा डीईओ, डीईईओ, बीईओ मॉनिटरिंग करेंगे. अधिकारी दो- दो स्कूलों का दौरा करेंगे. इस दौरान गतिविधियों की भी जांच करेंगे. प्रतिमाह रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी.
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