चंडीगढ़ | हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित हार के बाद कांग्रेस पार्टी (Haryana Congress) ने जारी घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए प्रदेशाध्यक्ष उदयभान के इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस संगठन में बहुत बड़े स्तर पर बदलाव की जरूरत है और संगठन का न होना हरियाणा में कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण रहा.
बड़े आंदोलन की तैयारी में बीरेंद्र सिंह
चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि हरियाणा में वह एक बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. इस आंदोलन के जरिए वह कांग्रेस को हरियाणा की जन- जन की पार्टी बनाने का काम करेंगे. वह पार्टी की सोच और नीतियों को प्रत्येक व्यक्ति तक लेकर जाएंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी के उत्थान के लिए सभी को एक साथ मिलकर काम करना होगा.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि हरियाणा कांग्रेस में सबकुछ एक ही नेता के नाम पर चल रहा है. EVM के अलावा पॉवर, तंत्र और पैसा भी कांग्रेस की हार के बड़े कारण रहें. टिकट वितरण से नाराज़ आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के बागी नेताओं पर बीजेपी उम्मीदवारों ने जमकर पैसा लुटाया. चुनाव के दौरान जनता के बीच यह मैसेज भी गलत गया कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार नहीं, बल्कि एक व्यक्ति की सरकार आ रही है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की हार से वह खुद हैरानी में हैं. हरियाणा में सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी ने धर्म का कार्ड खेला, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली तो जातीय ध्रुवीकरण किया गया. मैं आज भी नहीं मानता कि हरियाणा में जनभावना की सरकार है. हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. राजनीति में हमेशा से ही ऐसा होता आया है- चौधरी बीरेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री