चंडीगढ़ | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के साथ हरियाणा में भी प्रदुषण एक गंभीर समस्या बना हुआ है. लगातार बढ़ते प्रदुषण के स्तर से लोगों का खुली हवा में सांस लेना दुभर हो गया है और विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और ह्रदय व सांस रोगियों को बहुत ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है. प्रदुषण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार ने NGT ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) की गाइडलाइंस को पूरी तरह से लागू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में वायु प्रदुषण नियंत्रित करने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि भवन निर्माण व रिपेयर, सड़क निर्माण, नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स, मिक्सर प्लांट, माइनिंग जैसे कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है. वायु प्रदुषण को बढ़ावा देने वाले किसी भी कार्य को करने की अनुमति नहीं होगी. सफाई कर्मचारी भी पानी का छिड़काव कर झाड़ू का इस्तेमाल करेंगे.
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सभी LMV BS-6 से नीचे के डीजल वाहनों (केवल एमरजेंसी सेवाओं, मेडिकल व खाद्य सामग्री की ढुलाई वाले वाहनों को छोड़कर) के चलाने पर पूर्णतः पाबंदी रहेगी. उन्होंने बताया कि बिजली व PNG की आपूर्ति वाली औद्योगिक इकाइयों को बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं.
एनजीटी द्वारा NCR क्षेत्र में अप्रूव्ड फ्यूल की जारी सूची अनुसार ही औद्योगिक इकाइयों को चालू रखने की अनुमति होगी. वहीं, मेडिकल उपकरण, दूध डेयरी और दवाइयां बनाने वाली औद्योगिक इकाइयों को प्रतिबंध की श्रेणी से बाहर रखा गया है.
मेडिकल एडवाइजरी जारी
हरियाणा सरकार ने कहा है कि वायु प्रदुषण पर नियंत्रण पाने के लिए प्रशासनिक प्रयासों के साथ-साथ आमजन का सहयोग बेहद जरूरी है. वहीं, बुजुर्गों, बच्चों और ह्रदय संबंधी रोगियों के लिए मेडिकल एडवाइजरी जारी करते हुए एनजीटी ने कहा है कि ज़रुरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलें और सांस लेने में तकलीफ़ हो रही है तो चिकित्सक परामर्श लें.
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