चंडीगढ़ | कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि आरक्षण को 50% ही रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बार बीसीए को भी मौका मिलेगा, यानि कि बीसीए को भी आरक्षण दिया जाएगा. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने साफ कहा कि बीसीए को मिलाकर 50% आरक्षण का दायरा ऊपर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि चुनावों में 40% आरक्षण एससी कैटेगरी और बीसीए को 10% आरक्षण मिलेगा. आगे कहा कि बीसीए की पापुलेशन ऑथेंटिक करने के बाद ही अप्रूव किया गया है. डाटा एकत्रित करने के लिए एक कमीशन का गठन किया गया था. उसके बाद यह फैसला लिया गया है. ब्लॉक में जितने सरपंच होंगे उसमें 8 सरपंच बीसीए के होंगे.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ आबसर्वेशन दी थी. मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) अध्यादेश, 2022 लाकर हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 में संशोधन किया गया. बैकवर्ड क्लास कमीशन का गठन किया. कमीशन ने हर इकाई की जाति के अनुसार सैंपल सर्वे कराया गया. खट्टर के मुताबिक आरक्षण किसी भी हालत में 50 फीसदी से अधिक ना हो इसका भी ध्यान रखा गया है.
मंत्रिमंडल द्वारा दी गई मंजूरी के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंच के पदों को पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किया जाएगा जो ग्राम सभा क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (क) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी. यदि पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी सभा क्षेत्र की कुल आबादी का 2 प्रतिशत या अधिक है तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में पिछड़े वर्ग (ए) से संबंधित कम से कम 1 पंच होगा. ऐसे वार्डों में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्डों को छोडक़र पिछड़ा वर्ग के लिए ड्रॉ के माध्यम से अलॉट किया जाएगा, प्रत्येक चुनाव में रोटेशन के आधार पर वार्ड आरक्षित किया जाएगा. इसी प्रकार, एक ब्लॉक में सरपंच के पदों की कुल संख्या का 8 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षित किया जाएगा.।पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षण के लिए प्रस्तावित ग्राम पंचायतों की संख्या के उच्चतम तीन गुना में से ड्रा द्वारा आवंटित किया जाएगा.
जहां पर सरपंच का पद पहले से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है उन ग्राम पंचायतों को छोडक़र, पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी का सबसे बड़ा प्रतिशत है, वहां बाद के चुनावों में रोटेशन द्वारा सरपंच के पद के लिए आरक्षण किया जाएगा. ‘‘प्रत्येक पंचायत समिति में पिछड़े वर्ग (ए) के लिए वार्ड आरक्षित होंगे और इस प्रकार आरक्षित वार्डों की संख्या, उस पंचायत में वार्डों की कुल संख्या के अनुपात में लगभग समान होगी.
ब्लॉक समिति में कुल जनसंख्या की पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में वार्डों को ड्रा द्वारा अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित वार्डों के अलावा आवंटित किया जाएगा और बाद के चुनावों में रोटेशन अपनाया जाएगा. प्रत्येक जिला परिषद में भी पिछड़े वर्ग(ए) के लिए आरक्षित होंगे. इस प्रकार आरक्षित वार्डों की संख्या उस जिला परिषद में वार्डों की कुल संख्या के अनुपात के समान होगी. यह ड्रा अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित वार्डों के अलावा आवंटित किया जाएगा और बाद के चुनावों में रोटेशन अपनाया जाएगा.
चुनाव आयोग लेगा फैसला
पंचायती चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है. चुनाव आयोग कब फैसला लेता है यह पूरी तरह उस पर निर्भर है. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि चुनाव कराने की हमारी तरफ से तैयारी पूरी तरह से हो चुकी है. जब उनसे पत्रकारों द्वारा यह पूछा गया कि क्या चुनाव उसी समय होंगे जो समय की बात हो रही है. उन्होंने कहा कि समय 1 सप्ताह आगे पीछे हो सकता है. मगर चुनाव जरूर होंगे. आज रिपोर्ट चुनाव आयोग को चली जाएगी और चुनाव आयोग सोमवार तक अपना फैसला सुना सकता है.
उद्यम प्रोत्साहन नियम 2016 में संशोधन को मंजूरी
मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी दी गई. राज्य सरकार ने हरियाणा उद्यमिता संवर्धन अधिनियम, 2016 और संबंधित नियमों को राज्य में एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए अधिनियमित किया है. हरियाणा उद्यम संवर्धन बोर्ड (एचईपीबी) का गठन हरियाणा उद्यम संवर्धन अधिनियम, 2016 की धारा 3 के तहत किया गया है और उक्त अधिनियम की धारा 4 के तहत अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) का गठन किया गया है.
अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव समिति के अध्यक्ष होते हैं. प्रशासनिक सचिव, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग समिति के सदस्य-सह-मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. नगर एवं ग्राम आयोजना, पर्यावरण, वन, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें), वित्त, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, विद्युत, शहरी स्थानीय निकाय, श्रम, एचएसआईआईडीसी के महानिदेशक अथवा उद्योग एवं वाणिज्य विभागों के प्रशासनिक सचिव समिति के निदेशक हैं.
अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) की मुख्य भूमिका सरकार की विभिन्न योजनाओं / नीतियों के तहत प्रोत्साहन / विशेष पैकेज के मामलों की जांच करना और हरियाणा उद्यम संवर्धन बोर्ड को इसकी सिफारिश करना है. अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) जीएसटी की प्रतिपूर्ति सहित विशेष पैकेजों के मामलों को और मंजूरी देती है और सिफारिश करती है. हालांकि, आबकारी और कराधान विभाग के प्रशासनिक सचिव अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) के सदस्य नहीं हैं. आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रशासनिक सचिव को अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) के सदस्य के रूप में शामिल करने के लिए हरियाणा उद्यम संवर्धन नियम, 2016 के नियम 4(1) में संशोधन करने की आवश्यकता थी.
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