चंडीगढ़ । पहले से ही पेट्रोल- डीजल व घरेलू गैस की बढ़ी कीमतों से परेशान किसानों के लिए अब IFFCO खाद की बढ़ी कीमतों ने ओर परेशानी बढ़ाने का काम किया है. सहकारी क्षेत्र के इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर्स कोआपरेटिव (IFFCO) ने डाई अमोनियम फास्फेट यानि DAP की कीमत 300 रुपए बोरी बढ़ा दी है. हालांकि इफको ने बढ़े हुए दाम की खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि पहले से पैक हो चुका खाद पुरानी कीमतों पर बिकता रहेगा.
इफको ने ब्यान जारी कर मीडिया में चल रही खबर को गलत करार दिया है. IFFCO की तरफ से आए बयान में कहा गया है कि हमारे पास 11.26 लाख मीट्रिक टन खाद का स्टाक है , और यह किसानों को पुरानी कीमत पर ही मिलता रहेगा. नई कीमत वाला खाद बेचने के लिए नहीं है. कम्पनियों द्वारा कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों को अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है. इफको का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है.
#IFFCO have 11.26 Lakh MT of complex fertilisers & will sell at old rates of #DAP ₹1200/-, #NPK 10:26:26 ₹1175/-, #NPK 12:32:16 ₹1185/- & #NPS 20:20:0:13 ₹925/-. The material with new rates is not for sale to anyone. @PMOIndia @DVSadanandGowda @mansukhmandviya @fertmin_india
— Dr. U S Awasthi (@drusawasthi) April 8, 2021
पहले से पैक बोरी पुरानी कीमत पर बिकेगी
IFFCO का कहना है कि नई बोरी पर लागत को प्रिंट करना एक मैन्युफैक्चरर के रूप में हमारे लिए जरूरी है. हम यह बताना चाहते हैं कि पुरानी दरों पर ही बाजार में फुल स्टॉक उपलब्ध है. हमने अपनी मार्केटिंग टीम को किसानों को पूरानी दर पर ही पहले से पैक खाद को बेचने का निर्देश दिया है.
कहां से आई कीमत बढ़ोतरी की बात
दरअसल IFFCO के मार्केटिंग सर्विसेस डिपार्टमेंट से 7 अप्रैल को एक पत्र जारी हुआ था, जिसमें डीएपी और अन्य खाद की बढ़ी हुई कीमतों का जिक्र किया गया है. पत्र में लिखा गया है कि बढ़ी हुई कीमतें एक अप्रैल से प्रभावी है. इसमें डीएपी की 50 किलो वाली बोरी की कीमत 1900 रुपए दर्शायी गई है. इस पत्र पर मार्केटिंग डायरेक्टर योगेन्द्र कुमार के हस्ताक्षर भी है.
उधर इफको के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर डा यूएस अवस्थी का कहना है कि 11.26 लाख मीट्रिक टन खाद पूरानी कीमतों पर बेची जाएगी. उन्होंने लिखा है कि मैंने इफको की मार्केटिंग टीम को आदेश दे दिया है कि वे पुराने रेट पर ही किसानों को पहले से पैक हो चुके खाद की बोरी बेचें.