चंडीगढ़ | हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नई सरकार में मुख्यमंत्री के चयन को लेकर हलचल तेज हो गई है. केंद्रीय नेतृत्व ने सूबे का नया मुखिया चुनने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को ऑब्जर्वर और मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. बता दें कि बीजेपी हाईकमान ने साल 2022 के बाद अमित शाह को पहली बार किसी राज्य में विधायक दल का नेता चुनने के लिए ऑब्जर्वर बनाया है. इससे पहले शाह ऑब्जर्वर बनकर उत्तर प्रदेश गए थे.
16 अक्टूबर को विधायक दल की मीटिंग
बता दें कि हरियाणा में नए मुख्यमंत्री का शपथग्रहण समारोह 17 अक्टूबर को पंचकूला में आयोजित होगा. उससे पहले 16 अक्टूबर को चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई है, जिसमें अमित शाह और मोहन यादव भी मौजूद रहेंगे. इसी बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी.
जोरों पर कई तरही की चर्चाएं
सूबे में विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह ऐलान कर चुके हैं कि सरकार बनने पर नायब सैनी ही मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन अब विधायक दल की बैठक से पहले अमित शाह को ऑब्जर्वर नियुक्त किए जाने से कई तरह की चर्चाएं शुरू हो चुकी है. सूबे की राजनीति में चर्चाएं जोर पकड़ रही है कि BJP की समस्त चुनावी रणनीति बनाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को यदि विधायक दल का नेता चुनने के लिए हरियाणा का पर्यवेक्षक बनाना पड़े, तो स्वाभाविक है कि यहां सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.
हाईकमान को गड़बड़ी का अंदेशा
इसके पीछे मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व गृह मंत्री अनिल विज और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की दावेदारी को माना जा रहा है. पार्टी हाईकमान को लगता है कि बीजेपी विधायक दल की बैठक में अनिल विज और राव इंद्रजीत सिंह के समर्थित विधायक कोई खेला कर सकते हैं, जिन्हें सिर्फ अमित शाह ही काबू कर पाएंगे.
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