चंडीगढ़ | एचपीएससी के उप सचिव अनिल नागर और उसके सहयोगियों से विजिलेंस अब तक 2.10 करोड़ बरामद कर चुकी है. आरोपियों ने लिखित परीक्षा में नंबर बड़वाने के लिए रिश्वत ली थी. इस मामले में जांच अभी चल रही है.
जानिए क्या है, पूरा मामला
डेंटल सर्जन की लिखित परीक्षा में नंबर बढ़ाने के लिए लाखों रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के उप सचिव अनिल नागर और उसके सहयोगियों के घर से शुक्रवार को भी एक करोड़ रुपये बरामद हुए हैं. अब तक दो करोड़ 10 लाख रुपये बरामद किए जा चुके हैं. आगे की पूछताछ के लिए विजिलेंस ने नागर को चार दिन के रिमांड पर लिया है.
आपको बता दें कि हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो ने शुक्रवार रात सवा सात बजे नागर को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, दलील दी कि अभी तक की जांच में कई भर्तियों में पैसों के लेनदेन की बात सामने आ रही है. अनिल नागर इस भर्ती घोटाले में सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है. कुछ अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी की जानी है. इसलिए रिमांड जरूरी है, ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने दलील सुनने के बाद नागर को चार दिन के रिमांड पर भेज दिया है.
अनिल नागर और उसके सहयोगियों के आवास पर शुक्रवार को भी छापे जारी रहे. नागर के घर की तलाशी के दौरान 12 लाख रुपये नकद, 50 लाख रुपये की एक पंजीकृत लैंड डीड, लैपटॉप और डिजिटल मीडिया जब्त किया है. ज्यादातर नकदी अनिल नागर ने अपने सहयोगी के घर पर छिपाकर रखी थी. अब तक 2.10 करोड़ रुपये बरामद किए जा चुके हैं. यह मोटी रकम डेंटल सर्जन की भर्ती में उम्मीदवारों से नंबर बढ़वाने के लिए रिश्वत के तौर पर ली गई थी. विजिलेंस ने नागर के सेक्टर-17 स्थित निवास की तलाशी ली. उसके एक सहयोगी के ठिकानों पर छापे मारे. इस मामले में जांच अभी जारी है.
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