चंडीगढ़ | हरियाणा के स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्री अनिल विज ने घोषणा की है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को एलोपैथी की तर्ज पर आयुर्वेदिक इलाज के खर्च की प्रतिपूर्ति की जाएगी. उन्होंने शुक्रवार को अंबाला में यह भी कहा कि सरकार आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज कराने पर जोर दे रही है. हरियाणा सरकार ने भी राज्य में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में आयुर्वेदिक विषयों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया है.
अनिल विज ने कही ये बात
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘एलोपैथिक दवाओं की तरह अब आयुर्वेदिक दवाओं की भी प्रतिपूर्ति की जाएगी. मैंने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आयुर्वेद और योग को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसे यकीनन लोगों को जरूर फायदा होगा.
270 करोड़ की लागत से हो रहा आयुर्वेद संस्था का निर्माण
विज ने कहा कि हाल ही में कैबिनेट की बैठक के दौरान आयुष विभाग को अलग दर्जा देने का फैसला किया गया था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने योग को बढ़ावा देने के लिए योग आयोग का गठन किया है. मंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य के 6,500 गांवों में योगशालाएं स्थापित करने का संकल्प लिया है. उन्होंने बताया कि पंचकूला में लगभग 270 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें 250 बिस्तरों का अस्पताल भी बनाया जायेगा.
अब आयुर्वेदिक दवाओं की प्रतिपूर्ति की जाएगी : विज
विज ने कहा कि वह आयुष को बढ़ावा देते लेकिन बीमा कंपनियों ने आयुर्वेदिक दवाओं का पैसा नहीं दिया. आयुर्वेदिक दवाओं को भी आजमाना चाहिए. विज ने कहा कि पहले केवल एलोपैथिक दवाओं की प्रतिपूर्ति की जाती थी लेकिन उन्होंने कल ही फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं. अब आयुर्वेदिक दवाओं की प्रतिपूर्ति की जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि भारत की प्रतिष्ठित एलोपैथी आयुर्वेद को खरपतवार बताकर उसका विरोध करती है लेकिन अब MBBS के 5 साल के कोर्स में आयुर्वेद को एक साल के लिए अनिवार्य किया जाएगा. भविष्य के डॉक्टर 4 साल एलोपैथी और एक साल आयुर्वेद की पढ़ाई करेंगे. अगर इसके लिए उन्हें किसी से लड़ना पड़े तो वह लड़ेंगे. कोर्स तैयार करने के लिए टीम गठित कर दी गई है.
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