चंडीगढ़ | हरियाणा में बीजेपी सरकार बदलने के बाद से ही लगातार अनिल विज सुर्खियों में हैं. कारण यह है कि अनिल विज को अभी तक कोई भी विभाग नहीं मिला है. ऐसे में अनिल विज ने मीडिया के सामने रूबरू होकर कई सवालों का जवाब दिया है. अनिल विज का जवाब से हर कोई हैरान इसलिए भी है क्योंकि वह जब वह गृह मंत्री थे तो उन्होंने कई अहम फैसले लिए थे. आइए जानते हैं अनिल विज ने क्या कुछ कहा है…
नहीं जताई आपत्ति
नायब सरकार में विज को कोई विभाग नहीं दिए जाने पर विज ने कहा कि उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है. यह मुख्यमंत्री का अधिकार है. नायब सैनी और मनोहर लाल ने बैठकर सोचा होगा, वही हुआ होगा. लोकसभा चुनाव के दौरान बैठक से दूर रहने पर विज ने कहा कि मैं पार्टी का छोटा कार्यकर्ता हूं, क्योंकि अब जब इतनी बड़ी घटना घटी तो किसी ने मुझसे बात तक नहीं की. इसका मतलब यह है कि मैं छोटा सा कार्यकर्ता हूं, मैं खुद को अंबाला कैंट तक ही सीमित रखूंगा. हम भाजपा को अधिक से अधिक मतों से चुनाव जिताने का प्रयास कर रहे हैं.
नहीं पता था बदलेंगे CM
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि मुझे नहीं पता था कि मुख्यमंत्री बदला जा रहा है. मैं हरियाणा का सबसे वरिष्ठ विधायक हूं. मैं 6 बार का विधायक हूं, लेकिन शायद अन्य जानते होंगे. मनोहर लाल को जरूर पता होगा. उस दिन मैं भी मुख्यमंत्री की गाड़ी में बैठकर अपना त्यागपत्र देने राज्यपाल भवन गया, फिर भी उन्होनें नहीं बताया. पता नहीं क्या हुआ, यह क्यों बदल गए, यह कहां तय हुआ है. इसका निर्णय किसने किया. क्या जरूरत थी, ये तो वो ही बता सकते हैं, मुझे कुछ पता नहीं.
इस वजह से छोड़ी बैठक
विधायक दल की बैठक छोड़ने के मामले पर अनिल विज ने कहा कि मैं नाराज नहीं था, बस बात ये थी कि उन्होंने ये बात मुझसे शेयर नहीं की थी. जब आप लोगों को मुझ पर भरोसा नहीं है तो आपके साथ बैठकर काम करना आसान नहीं है. जब भरोसा न हो तो मुश्किल होती है. ये कहते हुए मैं बाहर आ गया. मैं इस कैबिनेट में शामिल नहीं होऊंगा. यह बात वह मीडिया को नहीं बता सके क्योंकि यह पार्टी का अंदरूनी मामला था. तो मैं उससे बाहर आ गया.
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