चंडीगढ़ | हरियाणा में उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से हमारी मिट्टी अपनी उपजाऊ शक्ति खोती जा रही है. इसकी रिकवरी के लिए जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी कड़ी में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं फसल विविधिकरण योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत किसानों को ढेंचा घास (जंतर बीज) की खरीद पर 80 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है.
सब्सिडी देने की वजह
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि ढेंचा एक बेस्ट इको फ्रैंडली ऑप्शन है. यूरिया के ज्यादा इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत पर बुरा असर पड़ता है, जबकि हरी खाद की खेती के कोई साइ़ड इफेक्ट नहीं है. ये वातावरण में नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में मददगार है ही तो साथ ही मिट्टी में जीवांशों की संख्या भी बढ़ती है. इससे भूजल स्तर में भी सुधार होता है.
इस तारीख तक करें आवेदन
यदि आप भी हरियाणा के किसान हैं तो ढेंचा के बीजों को सब्सिडी पर हासिल कर सकते हैं. इसके लिए मेरी फसल- मेरा ब्यौरा पोर्टल या agriharayana.gov.in पर 20 मई 2024 तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
इतना मिलेगा बीज
यहां ऑनलाइन एप्लीकेशन देने के बाद किसान को रजिस्ट्रेशन स्लिप, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड समेत सभी आवश्यक दस्तावेजों की कॉपी हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केंद्र पर सब्मिट करनी होगी. यही पर 20% राशि का भुगतान करके किसान भाई ढेंचा बीज पर सब्सिडी हासिल कर सकते हैं. किसानों को अधिकतम 10 एकड़, 120 किलो बीज मिलेगा.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!