हरियाणा में अब आढ़तियाें को 15 दिन में मिलेगा कमीशन, शिकायत के लिए बनेगी अलग विंडो

चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार ने आढ़तियों के बारे में महत्‍वपूर्ण फैसला लिया है. अब राज्‍य में आढ़तियों को 15 दिनों के अंदर कमीशन मिलेगा. इसके साथ ही उनकी शिकायतों के निपटारे के लिए अलग से विंडो बनाई जाएगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रधान सचिव वी उमाशंकर ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आढ़तियों के बकाए भुगतान 15 अप्रैल तक कर दिया जाए तथा भविष्य में भुगतान के लिए परेशानी न हो, इसके लिए सीएम विंडो की तर्ज पर कंप्लेंट विंडो (शिकायत खिड़की) बनाई जाएगी.

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शुक्रवार को सचिवालय में राष्ट्रीय व्यापार मंडल के पदाधिकारियों एवं कृषि, मार्केटिंग बोर्ड तथा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के बीच आढ़तियों की समस्याओं को लेकर हुई बातचीत हुई. पिछले दिनों व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष राजीव जैन के नेतृत्व में व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला था. इसके बाद यह मीटिंग तय हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि 2022 से दामों (आढ़ती की कमीशन) का भुगतान 15 दिन में कर दिया जाएगा, अन्यथा संबंधित विभाग को 12 प्रतिशत ब्याज देना होगा.

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बैठक में सीएम की अतिरिक्त प्रधान सचिव आशिमा बराड़, कृषि विभाग के निदेशक हरदीप सिंह, मार्केटिंग बोर्ड के मुख्य प्रशासक टीएल सत्यप्रकाश तथा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने तय किया कि मंडियों में सरकारी खरीद के पीक समय को छोड़कर सीमांत किसानों को अपनी फसल व्यापारियों को बेचने की छूट दी जाएगी.

कृषि विभाग के सभी पोर्टल को सरल बना कर लाइसेंस नवीनीकरण का काम होगा तथा मिलों में जाने वाली फसलों का आनलाइन डाटा निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. केंद्रीय सरकार से दामी बढ़ाने, किसानों से अग्रिम भुगतान की राशि काटने जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार को पत्र लिखने की सहमति बनी है.

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बैठक में सभी जिला उपायुक्तों को हर दो माह में एक बार आढ़ती एसोसिएशन की बैठक करने, दुकानों को ट्रांसफर करने व सरेंडर करने, दूसरे राज्य के नजदीक लगने वाली मंडियों में जाने वाली फसलों एवं मार्केट फीस के नुकसान का आंकड़ा जुटाने, बिनौला व दाल जैसे कृषि उप उत्पाद प्रोडेक्ट पर मार्केट फीस न लेने, एचआरडीएफ शुल्क हटाने, मंडी में अन्य व्यवसाय शुरू करने की इजाजत देने, खाद एवं कीटनाशक विक्रेताओं पर फार्म ओ व छह खत्म करने संबंधित अनेक मुद्दों पर चर्चा हुई.

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