चंडीगढ़ | हरियाणा में आशा वर्कर यूनियन (Asha Worker Union) ने अपनी मांगों के संबंध में की जाने वाली हड़ताल को लेकर अस्पताल परिसर में धरना कर डिप्टी सीएमओ डॉक्टर बुधराम को चेतावनी नोटिस सौंपा है. कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व जिला प्रधान कलावती ने की. उन्होंने बताया कि 27 दिसंबर 2022 को प्रदेश भर की हजारों आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों व समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान उच्च अधिकारियों की ओर से आशा वर्कर यूनियन के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया था कि विधानसभा सत्र समाप्त होते ही स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज समेत तमाम उच्च अधिकारियों के साथ यूनियन के प्रतिनिधिमंडल की बैठक कराई जाएगी व समस्याओं का समाधान किया जाएगा. परंतु 6 महीने बीत जाने के बाद भी यह मीटिंग नहीं हो पाई है.
परेशान होकर आशा वर्कर्स ने प्रदर्शन करने का लिया फैसला
प्रधान ने बताया कि प्रदेश भर में आशा वर्कर के काम कई गुना ज्यादा बढ़ गए हैं. पिछले 5 साल से आशा वर्कर के मानदेय में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई है. तमाम आशा वर्कर का मानसिक व आर्थिक शोषण सरकार की ओर से किया जा रहा है. लगातार सरकार आशा वर्कर की अनदेखी कर रही है. प्रदेश की तमाम आशा वर्कर्स ने सरकार की नीति और विभाग के दबाव से परेशान होकर 3 दिन की हड़ताल करके जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने का फैसला लिया है.
जानिए आशा वर्कर्स की क्या है मांग?
2018 के बाद से आशा वर्कर के काम में कई गुना बढ़ोतरी हुई है लेकिन फिर भी 5 वर्षों में मानदेय में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है. निचे आप आशा वर्कर की मांगे पढ़ सकते है:
- आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया जाए और न्यूनतम 26000 रुपये वेतन दिया जाए.
- आशा वर्करों को स्थाई कर्मचारी बनाया जाए.
- आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय एवं प्रोत्साहन राशि को महंगाई भत्ते से जोड़ा जाए.
- आशा कार्यकर्ताओं को ईएसआई/ पीएफ और सेवानिवृत्ति लाभ सहित सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ दिए जाने चाहिए.
- श्रमिकों को अनुभव एवं योग्यता के आधार पर पदोन्नति दी जाए.
- आशा कार्यकर्ताओं को उपकेंद्र पर बैठने व सामान रखने की जगह सुनिश्चित की जाए. जिन गांवों में उपकेंद्र नहीं हैं, वहां आशा केंद्र खोले जाएं.