चंडीगढ़ । हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के पद आने वाले 3 महीनों में नियमित भर्ती द्वारा भरे जाएंगे. उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से हरियाणा लोक सेवा आयोग को इस भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आग्रह पत्र भेजा जाएगा. सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने हरियाणा एस्पायरिंग असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएशन को यह आश्वासन दिया है कि जल्दी ही भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी. प्रोफेसर लगातार इसके लिए आंदोलन भी कर रहे हैं.इससे पहले एसोसिएशन सदस्यों ने यहां सेक्टर-17 स्थित नव हरियाणा सचिवालय के बाहर बाजुओं पर काली पट्टियां बांधकर मौन जुलूस निकाला.
एसोसिएशन से जुड़े हुए सहायक प्रोफेसर नियमित भर्ती में एक्सटेंशन लेक्चरर भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं इसके लिए वह आंदोलनरत है. सोमवार को इनके द्वारा चंडीगढ़ में आनंद मोहन शरण और भूपेश्वर दयाल को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन भी सौंपा गया. इस दौरान डॉ दीपक, गौरव रवि, प्रदीप, सुशील, आरके जांगड़ा, सुभाष सपरा, अनिल अहलावत, विजेंद्र सिंह, संजीव, अंकित बामल ने बताया कि विभिन्न राजकीय कॉलेजों में नकली डिग्री, गलत चयन व नियुक्तियां, अयोग्य समायोजन व अयोग्य एक्सटेंशन लेक्चरर की भर्ती की गई है. तथा इन सब का कहना है कि उच्च स्तरीय समिति अथवा सीबीआई इस सब की जांच करें.
कॉलेजों में सभी श्रेणी के प्रोफेसर के 5000 व प्रिंसिपल के 127 पद खाली चल रहे हैं. सरकार पक्की भर्ती के जरिये 200 एस्पायरिंग असिस्टेंट प्रोफेसर को नियुक्ति दे.मार्च 2020 में उच्चतर शिक्षा विभाग ने 2592 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद भरने को स्वीकृति दी थी, लेकिन आज तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू ही नहीं हुई. करीब एक साल पहले एक्सटेंशन लेक्चरर्स की निजी विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्रियों की जांच के आदेश उच्चतर शिक्षा विभाग ने कॉलेज प्राचार्य को दिए थे. इसकी रिपोर्ट भी प्राचार्य व विभाग के बीच दबी हुई है. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि एक्सटेंशन लेक्चरर भर्ती सहित सभी मामलों की निष्पक्ष जांच कराई जाए, ताकि सच सामने आ सके.
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