हरियाणा में खट्टर कैबिनेट के फर्जी लेटर से 500 करोड़ की जमीन हथियाने की कोशिश, ऐसे हुआ गड़बड़झाले का खुलासा

चंडीगढ़ | पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार के एक फर्जी कैबिनेट लेटर से हरियाणा में भूचाल मच गया है. इस लेटर के जरिए सूबे के 3 जिलों रोहतक, सोनीपत और गुरुग्राम में 500 करोड़ रूपए की बेशकीमती जमीन हथियाने की कोशिश की गई है. इस पूरे गड़बड़झाले में सचिवालय के 3 कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. जांच में खुलासा हुआ है कि इस लेटर में कैबिनेट ब्रांच के सुपरिटेंडेंट के हस्ताक्षर भी फर्जी निकले हैं.

Manohar Lal Khattar CM

खट्टर रह गए हैरान

3 दिन पहले जब इस मामले की शिकायत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास पहुंची तो कैबिनेट लेटर देखकर वो भौंचक्का रह गए. उन्होंने आनन- फानन में मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद से जानकारी ली. मुख्य सचिव ने जब इस मामले को लेकर ब्रांच के कर्मियों से बातचीत की तो कैबिनेट मीटिंग का लेटर पूरी तरह से फर्जी निकला.

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पंचकूला- गुरुग्राम के डीलर शामिल

कैबिनेट ब्रांच के सुपरिटेंडेंट के हस्ताक्षर फर्जी मिलने पर मुख्य सचिव के आदेशों के बाद इस मामले को लेकर सचिवालय के 3 कर्मचारियों से पूछताछ की गई. इसमें मामले से जुड़े लोगों की जानकारी सामने आ गई है. इस पूरे गड़बड़झाले में गुरुग्राम और पंचकूला के डीलरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है. मुख्य सचिव द्वारा की गई पूछताछ में गुरुग्राम के एक व्यक्ति के नाम का खुलासा हुआ है.

उस तारीख को हुई ही नहीं कैबिनेट मीटिंग

दरअसल, गुरुग्राम के बादशाहपुर और राजीव चौक क्षेत्र की बेशकीमती जमीनों को रिलीज करने के लिए 15 और 21 दिसंबर 2023 की तारीख का एक फर्जी लेटर तैयार किया गया, जबकि इस दौरान कोई कैबिनेट मीटिंग हुई ही नहीं थी. कैबिनेट लेटर पढ़ने के बाद ये पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया. इस लेटर में सीएम और एफसीआर दोनों के पद लिखे हुए थे जबकि मंत्रिमंडल बैठक के सिस्टम में कैबिनेट मीटिंग का पत्र वरिष्ठता के हिसाब से लिखा जाता है, पर ये इसके विपरित था.

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रजिस्ट्री की तैयारी में थे डीलर

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, फर्जी लेटर तैयार करने वाले लोग राजस्व विभाग के स्थानीय कर्मचारियों से सांठ- गांठ कर जमीन की रजिस्ट्री कराने की तैयारी में थे लेकिन इससे पहले ही मामले का खुलासा हो गया और उनके अरमानों पर पानी फिर गया.

हाउसिंग फॉर ऑल में कार्यरत एक वरिष्ठ कर्मचारी ने गृह विभाग में कार्यरत एक कर्मी को WhatsApp पर पत्र भेजकर उसके डॉक्यूमेंट निकालने को कहा. जब उक्त कर्मचारी कैबिनेट ब्रांच के सुपरिटेंडेंट को वो पत्र दिखाया तो सबके होश उड़ गए. जब कर्मचारियों के आपसी तार जोड़े गए तो पता चला कि हाउसिंग फॉर ऑल में कार्यरत कर्मचारी को उसके हिसार के एक दोस्त ने डाक्यूमेंट्स निकालने के लिए कहा था.

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