चंडीगढ़ | हरियाणा राज्य में फसलों की खरीद अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह से शुरू हुई. मोदी सरकार ने सीजन 2021-22 के लिए बाजरे की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2250 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. लेकिन हरियाणा राज्य में किसान बाजरे को 1100 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल पर बेचने के लिए मजबूर हैं. इसी मामले को उठाते हुए विपक्षी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मनोहर सरकार पर निशाना साधा है.
रोहतक में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में धान की खरीद की व्यवस्था सुव्यवस्थित नहीं है, जिस कारण किसानों को कम दामों में फसल बेचना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित था लेकिन किसानों को प्रति क्विंटल बाजरे के लिए मात्र 800 से 1000 रुपए मिल रहे हैं. भावांतर योजना के तहत प्राप्त 600 रुपये के अंतर को जोड़ने के बाद भी, किसानों को प्रत्येक क्विंटल पर 600 रुपये का नुकसान हुआ.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने डीएपी खाद की कमी का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा, राज्य में डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक की भारी कमी है. किसानों को खाद लेने के लिए लंबी लाइनों में लगकर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. उर्वरक और बीज सही समय पर ना मिलने के कारण किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर मनोहर सरकार का लगातार कहना है कि किसानों को एमएसपी के अनुसार ही फसलों का दाम मिल रहा है और खाद की पर्याप्त उपलब्धता है.
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