तस्करी पर लगाम: हरियाणा में कन्या गुरुकुल वाले गांवों में नहीं खुलेंगे शराब के ठेके

चंडीगढ़ ।  हरियाणा की मनोहर सरकार ने एक नई पहल करते हुए कन्या गुरुकुल वाले गांवों में शराब के ठेके नहीं खोलने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार द्वारा जारी नई आबकारी नीति में इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. बीते वर्ष लॉकडाउन के दौरान हुए शराब घोटाले को लेकर इस बार सरकार का मुख्य फोकस शराब तस्करी रोकने पर रहेगा. तस्करी रोकने के लिए राज्य व जिला स्तर पर प्रवर्तन विंग बनेगा. इसमें तैनाती के लिए पुलिस विभाग से प्रतिनियुक्ति पर स्टाफ लिया जाएगा.

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शराब डिस्टलरी में तैयार माल की गुणवत्ता जांचने के लिए फ्लो मीटर लगाए जाएंगे. डीएसपी स्तर से नीचे के अधिकारी लाइसेंस शुदा कारखानों में जाकर जांच नहीं कर सकेंगे. डीएसपी को भी जांच करने के लिए आबकारी निरीक्षक को साथ लेना जरूरी होगा. सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर निर्णय लिया है कि खराब हो चुकी शराब का निपटान खुले के बजाय प्रभावी उपचार संयंत्र में ही किया जाएगा. लाइसेंस धारकों को परेशानी मुक्त सेवाएं प्रदान करने के लिए जिलों में डीईटीसी (एक्साइज) को अधिक शक्तियां सौंपी जाएगी.

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आबकारी विभाग की योजना शहरी क्षेत्रों में स्थित शराब की दुकानों पर पीओएस मशीन शुरू कराने की है. अगर एक्साइज पोलिसी के तहत कोई भी लाइसेंसधारी एक्सपायरी डेट की शराब बेचता पाया गया तो पहले अपराध के लिए 50,000 , दूसरी बार 75,000 तथा तीसरे समय एक लाख रुपए जुर्माना वसूला जाएगा. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नई नीति सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है. जहरीली शराब का कारोबार प्रदेश में बिल्कुल नहीं होने देंगे. शराब तस्करी पर रोक लगाने के लिए प्रवर्तन विंग अहम भूमिका निभाएगा.

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