चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने जेबीटी भर्ती घोटाले में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और शिक्षा अधिकारियों को बड़ी राहत दी है. हरियाणा सरकार ने चौटाला के साथ जेबीटी भर्ती घोटाले में शामिल स्कूल शिक्षा विभाग, हरियाणा के अधिकारियों की पेंशन रोकने के आदेश को वापस ले लिया है.
शिक्षा विभाग के इस आदेश के कानूनी रूप से उचित नहीं होने के कारण सरकार ने उच्च न्यायालय में कहा कि वह इस आदेश को वापस ले रही है. सरकार के इस आश्वासन पर कोर्ट ने सरकार को सभी याचिकाकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से सुनने और पेंशन को लेकर नया आदेश जारी करने का आदेश दिया है.
याचिकाकर्ताओं ने लगाया था ये आरोप
प्रभावित अधिकारियों ने इस संबंध में दायर याचिका में आरोप लगाया था कि उन्हें उनकी पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता. क्योंकि भर्ती घोटाले में उन पर दबाव बनाकर और पेंशन लाभ से वंचित करने की धमकी देकर उनकी पत्नियों और परिवार के सदस्यों के रिश्तेदारों को दूर स्थानों पर स्थानांतरित करने के डर से उनके हस्ताक्षर लिए गए थे.
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि हाईकोर्ट के समक्ष रिकॉर्ड पर पर्याप्त सबूत हैं. जो यह साफ करके हैं कि आरोपित व्यक्ति (शिक्षा विभाग के अधिकारी) जबरदस्त दबाव में थे और खुद को पीछे कुंआ आगे खाई की तरह फंसा हुआ महसूस कर रहे थे.
ये है मामला
इस मामले में पूर्व जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह व स्कूल शिक्षा विभाग के समान रैंक के अन्य सेवानिवृत्त अधिकारियों ने विभाग द्वारा पेंशन रोकने के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इन सभी को 2013 में ओपी चौटाला, अजय चौटाला और अन्य के साथ शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी ठहराया गया था. याचिकाकर्ताओं ने अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा हरियाणा द्वारा जारी किए गए आदेशों को रद्द करने की मांग की है, जिसके तहत उनकी पेंशन को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया था.
याची की ओर से यह दलील दी गई कि उनकी पेंशन रोकने से पहले कभी भी व्यक्तिगत सुनवाई या उनके मामले को पेश करने का अवसर नहीं दिया गया. जो न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है.
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