चंडीगढ़ | हरियाणा के विभिन्न विभागों में साल 2020 में क्लर्को की भर्ती की गई थी लेकिन बाद में इस भर्ती का रिजल्ट फिर से जारी हुआ और पूरा परिणाम बदल गया. सरकार की तरफ से निर्णय लिया गया कि 1,178 क्लर्को को नौकरी से हटाया जाए लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी. इस मामले में सरकार के आदेशों पर मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक जारी रखी है.
24 जुलाई को होगी सुनवाई
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की ओर से समय दिए जाने की मांग पर हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेशों को बनाए रखते हुए मामले पर तय किया है कि अब अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी. क्लर्कों ने याचिका दायर कर कहा है कि सरकार ने इस बारे में तय नियमों को नजरअंदाज किया है. नौकरी से निकालने के लिए उन्हें कोई कारण बताओ नोटिस नहीं दिया गया.
हाई कोर्ट ने 25 अप्रैल को आयोग को क्लर्क भर्ती की रिवाइज मेरिट लिस्ट बनाने के निर्देश जारी किए थे. हाईकोर्ट के इस आदेश से हरियाणा सरकार के अलग अलग विभागों में काम कर रहे 4798 क्लर्को पर इसका प्रभाव पड़ा था. सभी क्लकों की भर्ती वर्ष 2020 में हुई थी.
2 साल बाद नौकरी से बाहर करना अनुचित
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा रिजल्ट की रिवाइज मेरिट लिस्ट जारी करने के बाद 1,178 क्लकों को नौकरी से बाहर करने का निर्णय लिया गया था. रिवाइज रिजल्ट को चुनौती देते हुए कहा गया कि तीन सही जवाबों को सिस्टम ने गलत मान लिया था. इसके चलते रिजल्ट तैयार करने में गलती हुई. दो साल से नौकरी कर रहे क्लर्को को अब इसके चलते नौकरी से बाहर किया जा रहा है जो बिल्कुल गलत है.
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