चंडीगढ़ । चंडीगढ़ पर अपने हक को लेकर हरियाणा और पंजाब फिर से आमने-सामने आ गए हैं. बता दें कि हाल ही में पंजाब की आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सरकार ने एक दिन का विशेष विधानसभा सत्र बुलाकर चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने का प्रस्ताव पारित कर दिया है. इस मुद्दे को लेकर हरियाणा में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है. इस मुद्दे को लेकर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस की.
सीएम मनोहर लाल ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब सरकार के इस फैसले की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है. लोकतंत्र की एक व्यवस्था होती है लेकिन पंजाब सरकार ने एकतरफा फैसला लिया है. इस तरह के फैसलों का लोकतंत्र में कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि सीएम भगवंत मान Cm (Bhagwant Mann) और अरविंद केजरीवाल (Cm Arvind Kejriwal) को हरियाणा के लोगों से माफी मांगनी चाहिए.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि राजधानी चंडीगढ़ पर दोनों राज्यों का बराबर का हक है. ऐसे प्रस्ताव पास करने से किसी को हक नहीं मिलने वाला है. उन्होंने कहा कि हमारे पास कई मुद्दे हैं जिन पर दोनों राज्यों को आपस में बातचीत करनी चाहिए.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि बातचीत से ही सभी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वो अरविंद केजरीवाल से जवाब चाहते हैं कि एक तरफ हरियाणा के हिस्से का पानी पंजाब में रोक कर रखा हुआ है, वहीं दिल्ली में पानी मांगते हैं. इस पर केजरीवाल अपनी स्थिति स्पष्ट करें. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ से पहले सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) दोनों राज्यों के बीच एक बड़ा मुद्दा है, इसे सुलझाने के लिए बातचीत होनी चाहिए.
बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों पर केंद्रीय सेवा नियमों के लागू होने से नाराज पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुला लिया था. इस सत्र के दौरान सीएम भगवंत मान ने चंडीगढ़ को पंजाब में शामिल करने का प्रस्ताव पेश किया था.
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