चंडीगढ़ । देश की राजनीति में फिलहाल G-23 को लेकर चर्चाएं जोरों पर है. G-23 कांग्रेस के उन नेताओं का ग्रुप है जो राहुल गांधी के खिलाफ है. राहुल गांधी की पार्टी अध्यक्ष बनने की महत्वाकांक्षा इन नेताओं की राह में आड़े आ रही है. इन नेताओं का कांग्रेस से बहुत पुराने समय से वास्ता है. ये चाहते हैं कि पार्टी उनके अनुसार चले, लेकिन इसको लेकर अंतरिम फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को ही करना है. वो ये कभी नहीं चाहेंगी कि ये नेता पार्टी छोड़े. फिलहाल ये सभी बातें भविष्य के गर्भ में है. फिलहाल जम्मू कश्मीर के दौरे पर आए इन नेताओं के सिर पर सजी केसरिया पगड़ी को लेकर भी सियासत में तरह तरह के सवाल निकलकर सामने आ रहे हैं.
हालांकि इनमें से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को छोड़कर ज्यादातर नेताओं का फिलहाल कोई वजूद नहीं है. उनका हरियाणा कांग्रेस पर पुरा प्रभाव है. आने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी दावेदारी सबसे प्रमुख है. बाकी नेताओं ने या तो लोकसभा का मुंह नहीं देखा है या बहुत कम बार. G-23 के ये नेता कई बार खुलें मंच से कांग्रेस हाईकमान की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा चुके हैं. G-23 के इन नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान को यह स्वीकार करने की नसीहत दी है कि पिछले कुछ वर्षों में पार्टी कमजोर हुई है. हमें इसको मजबूत करने की दिशा में काम करना होगा.