चंडीगढ़ | किसान आंदोलन में चर्चित रहे किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि देश को बचाने और पूंजीवाद को हराने के लिए यदि राजनीति आवश्यक है. तो इससे परहेज नहीं किया जाएगा. आपको बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर लंबे समय तक चले आंदोलन में किसानों ने अपने संघर्ष की बदौलत कामयाबी हासिल की है. अब पूरे देश में एकजुटता से अधिकार हासिल करने का यह सिलसिला फिर से दोहराया जाएगा. जिसका पहला ट्रेलर पंजाब चुनाव में देखने को मिलेगा. गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने यह भी कहा कि वह स्वयं तो चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन लड़वाएंगे जरूर.
जानिए विस्तार से
आपको बता दें कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी निसिंग क्षेत्र के सिंघड़ा गुरुद्वारे में संत बाबा राम सिंह के बरसी समागम में गए हुए थे. यहां संत बाबा राम सिंह को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष दिल्ली बार्डर में अपने निधन से पहले संत बाबा राम सिंह ने उनके साथ जो समय बिताया था. वह सदा संघर्ष की प्रेरणा देता रहेगा.
उन्होंने कहा कि देश के हालात बहुत चिंताजनक हैं. गरीब और गरीब तथा अमीर पहले से अधिक अमीर होता जा रहा है. आज बीस करोड़ लोग रोटी से मोहताज हैं. जबकि अमीर लोग दो हजार करोड़ रोज कमा रहे हैं. इसके बावजूद सरकार मौन है क्योंकि वह पूंजीवादियों के पक्ष में कानून बनाती है. पहले तीर-तलवार की लड़ाई होती थी, अब वोट के हथियार का इस्तेमाल करना होगा. यही जंग लड़ने का तरीका है.
जानिए लखीमपुर खीरी मामले में क्या कहा
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी प्रकरण में किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है जबकि जिन पर कार्रवाई होनी चाहिए, वे खुले घूम रहे हैं. उनकी तुरंत गिरफ्तारी होना चाहिए. उन्होंने कोई नाम लिए बिना कहा कि वहां किसानों पर लगातार जुल्म होने के बावजूद जो लोग खुद को अराजनैतिक कहते हैं, वे मुझे और दोषी नजर आते हैं. ऐसे लोगों को एजेंडा तय करना चाहिए.
जानिए पंजाब के नेताओं पर क्या बोले चढ़ूनी
चढ़ूनी ने यह कहा कि जब तक पंजाब के नेता पहले मुझसे लड़ते थे, तब तक वे एक रहे लेकिन अब मैंने लड़ना बंद कर दिया तो वे आपस में लड़ रहे हैं. मैं पंजाब में चुनाव तो नहीं लड़ूंगा लेकिन वहां चुनाव लड़वाने का इरादा अवश्य है. इस प्रक्रिया में संयुक्त किसान मोर्चा का नाम इस्तेमाल न किया है न किया जाएगा. अलबत्ता, हमारी राजनीतिक क्षमता का पहला ट्रेलर पंजाब में ही दिखेगा. जबकि उत्तर प्रदेश चुनाव के संदर्भ में उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है. चढ़ूनी ने कहा कि हरियाणा के टोल पर रेट नहीं बढ़ा है. यदि कहीं रेट बढ़ा है तो वह नियमानुसार ही बढ़ा है. अन्य राज्यों की उन्हें जानकारी नहीं है.
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