चंडीगढ़ । खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में जो कर्मचारी ठेकेदार लगाते थे अब उनको भी हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के माध्यम से ही लगाया जाएगा. इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई है. अभी तक ठेकेदारों द्वारा कर्मचारियों को लगाया जाता था. सरकार द्वारा सभी विभागों व बोर्ड-निगमों में ठेकेदारी प्रथा को खत्म करने का निर्णय लिया गया है. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में अनाज गोदामों की सुरक्षा सहित अन्य कार्यों के लिए ठेकेदारों के माध्यम से स्टाफ की नियुक्ति की जानी है. हरियाणा सरकार के इस फैसले से अफसर बेचैन हो उठे हैं. ठेकेदारों द्वारा कर्मचारियों का शोषण करने के आरोप भी लग रहे हैं.
हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज शुरू से ही ठेकेदारी प्रथा के विरोध में थे. जीपीएफ व ईएसआई फंड सहित कई तरह के घोटाले व धांधलियां सामने आने पर सरकार ने ठेकेदारी प्रथा को बंद करने का निर्णय लिया. वीरवार को मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कि कौशल रोजगार निगम के अंतर्गत लाए जाने वाले कर्मचारियों के बारे में आदेश जारी किए हैं.
कौशल रोजगार निगम के अधीन उन कर्मचारियों को लाया गया है जिनका वेतन 30 हजार रुपये तक है. इससे अधिक वेतन पाने वाले वे कर्मचारी भी निगम के ही अंतर्गत रहेंगे, जिनका वेतन पहले 25 हजार 200 रुपये था और अब बढ़कर 35 हजार रुपये हो चुका है.
मंत्रियों व अधिकारियों के प्राइवेट स्टाफ के अलावा सरकार द्वारा रिटायरमेंट के बाद भी अधिकारियों-कर्मचारियों को फिर से रोजगार दिया जाता है.ऐसे कर्मचारियों का रोजगार निगम में पंजीकरण करवाने की जरूरत है नहीं होगी.इन कर्मियों को इससे दूर रखा गया है.
पार्टटाइम कर्मचारियों का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य किया है. अगर किसी विभाग द्वारा लिमिटेड टाइम के लिए स्टाफ नियुक्त होता है तो उनका भी पंजीकरण करवाना होगा. हारट्रोन के जरिए नियुक्त होने वाले आइटी प्रोफेशनल्स का नियुक्ति भी अब कौशल रोजगार निगम ही करेगा.
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