चंडीगढ़ | हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने जनता दरबार लगाने को लेकर बड़ा फैसला लिया है. अब विज जनता दरबार नहीं लगाएंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा जनसंवाद को लेकर लिए गए नए फैसले के बाद विज जनता दरबार को लेकर पीछे हट गए हैं. हाल ही में, चंडीगढ़ में हुई विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री ने सत्ताधारी विधायकों को संबोधित किया था, जहां मंत्रियों और सांसदों की तरह उन्हें भी सार्वजनिक बैठकें करने की इजाजत दी गई.
इस वजह से लिया फैसला
हालांकि, सीएम ने इस छूट में शर्त रखी है कि विधायक इन जनसंवाद के लिए दूसरे जिलों या विधानसभाओं का ही चयन कर सकेंगे. इस फैसले की भनक अनिल विज (Anil Vij) को भी लग गई. जिसके बाद, उन्होंने जनता दरबार को पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया है. ऐसे में उन लोगों के लिए निराशा की खबर है, जो न्याय के लिए विज के पास जाते रहे हैं. विज ने कहा है कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र अंबाला के लोगों की समस्याओं का समाधान करके रहेंगे.
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा बुलाई गई हरियाणा भाजपा विधायक दल की बैठक से गृह मंत्री अनिल विज ने भी दूरी बना ली थी. यही वजह भी थी कि वे सीएम के इस फैसले से संतुष्ट नहीं थे. विज के साथ- साथ पार्टी के कुछ विधायक भी सीएम के इस फैसले से नाराज हैं. उनका कहना है कि चुनाव करीब है, ऐसे में वे दूसरे विधानसभा में जनसंवाद कर क्या करेंगे जबकि चुनाव में उन्हें अपने ही विधानसभा के लोगों से वोट मांगना है.
हर महीने 2 बार लगाते थे जनता दरबार
अनिल विज द्वारा अम्बाला में आयोजित जनता दरबार महीने में 2 बार आयोजित किया जाता था. वे हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को जनता दरबार लगाते थे. इस दरबार में पूरे हरियाणा से लोग अपनी शिकायतें लेकर पहुंचते थे. उनकी शिकायतें सुनने के लिए विज रात एक बजे तक सुनवाई करते थे.
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