हरियाणा परिवहन विभाग घाटे में, बैठक में लिए जा सकते हैं बड़े फैसले

चंडीगढ़ | कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हरियाणा रोडवेज की कुछ बसों को एंबुलेंस में तब्दील किया गया था. अब दोबारा से विभाग मिनी एंबुलेंसो को बसों में तब्दील करने जा रहा है. परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने आला अधिकारियों के साथ बैठक की. बेड़े की करीब 130 मिनी बसें कोरोना के दौरान प्रदेश के बिगड़ते हालातों और एंबुलेंस चालकों की लूट के कारण एंबुलेंस में तब्दील की गई थी. बता दें कि यह प्रदेश के 22 रोडवेज डिपो में से पांच पांच बसे तब्दील की गई थी. इसके साथ ही इस दौरान प्रदेश के सभी प्राइवेट व सरकारी अस्पताल कोविड के मरीजों के साथ लबालब भरे हुए थे.

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परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में हुई बड़ी बैठक

जनता अस्पतालों में मरीज को दाखिल करवाने के लिए एक शहर से दूसरे शहर भटकती फिर रही थी. काफी मरीजों की अस्पताल में समय पर उपचार न मिलने के कारण मौत हो गई थी. इस भयानक स्थिति को देखते हुए विभाग ने 17 बसों में मरीजों के लिए एयर कंडीशनर के साथ बेड की भी व्यवस्था की थी.

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प्रदेश सरकार द्वारा इन बसों में ही 100 बेड का अस्पताल तैयार कर लिया गया था. आज प्रदेश में कोरोना को लेकर हालात काबू है. साथ ही सरकार ने कई अस्थाई अस्पतालों का भी निर्माण कर लिया है. रोडवेज विभाग को कोरोना की वजह से काफी घाटा झेलना पड़ा. अब रोडवेज विभाग फिर से नई शुरुआत करने की तैयारी में जुटा हुआ है.

प्रदेश के कई विभागों की तरह आज रोडवेज विभाग भी कोरोना के कारण भारी घाटे में है. प्रदेश के बेड़े की करीब 3500 बसों में से लगभग वर्तमान में 1500 बसे ही सड़कों पर चल रही है. एक तरफ जहां जनता एहतियातन बसों में सफर करने से परहेज कर रही है, गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए अपने प्राइवेट साधनों का ही इस्तेमाल कर रही है. सूत्रों के अनुसार, हरियाणा परिवहन विभाग को कोरोना महामारी के चलते 1900 करोड़ से अधिक का घाटा हुआ है.

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