चंडीगढ़ | हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज स्वास्थ्य विभाग छोड़ सकते हैं. एक न्यूज़ चैनल में छपी जानकारी के अनुसार, वह सीएमओ के एक अधिकारी के हस्तक्षेप से बेहद नाराज हैं. यही कारण है कि 5 अक्टूबर से स्वास्थ्य विभाग की फाइलें रुकी हुई हैं. नाराज विज स्वास्थ्य विभाग की किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं.
दूसरी तरफ सीएमओ अधिकारी ने दावा किया है कि केंद्र की ओर से स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की जिम्मेदारी उन पर लगाई गई है. अधिकारी ने यह भी दावा किया है कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग में कई कमियां हैं, जिन्हें दूर करने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है.
जल्द ही सीएम को लिखेंगे पत्र
नाराज विज (Anil Vij) ने यह तक कहना शुरू कर दिया है कि स्वास्थ्य विभाग उनसे छीन गया है. अभी तक विज ने इस मामले में कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनके विभागीय लोगों का कहना है कि वह जल्द ही इस बारे में स्टेटमेंट देंगे. विज की नाराजगी का कारण यह है कि वे विभाग से जुड़ा कोई भी काम नहीं कर रहे हैं. हाल ही में जब बीजेपी विधायक सत्यप्रकाश जरावता, राजेश नागर और कृष्ण मिड्डा स्वास्थ्य विभाग से जुड़े काम को लेकर सचिवालय पहुंचे तो उन्होंने उन्हें स्वास्थ्य विभाग का काम कर देने से साफ इनकार कर दिया था.
सीआईडी को 4 साल पहले हटाया
सीआईडी को 4 साल पहले हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने वापस ले लिया था. इसके बाद, यह विभाग सीएम मनोहर लाल के विभागों में शामिल कर दिया गया. इसे लेकर गृह मंत्री अनिल विज और सीएम मनोहर लाल के बीच करीब डेढ़ महीने तक विवाद चला. विवाद की शुरुआत विज के विभागों में 2 सीएमओ अधिकारियों की तैनाती से हुई है.
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