BJP को कांग्रेस से आए नेताओं पर ज्यादा भरोसा, लोकसभा की 6 सीटों पर ऐसे प्रत्याशी

चंडीगढ़ | हरियाणा में BJP ने सभी 10 सीटों पर लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. दूसरी तरफ इन 10 उम्मीदवारों की सूची पर आप नजर डालेंगे तो पता चलेगा कि बीजेपी को अपनों से ज्यादा भरोसा कांग्रेसियों पर है. दरअसल, बीजेपी ने जिन 10 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है उनमें से 6 लोकसभा उम्मीदवार कांग्रेस पृष्ठभूमि से हैं. आईए जानते हैं बीजेपी ने क्यों किया है ऐसा…

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राजनीतिक विशेषज्ञ धीरेंद्र अवस्थी ने कही ये बात

बीजेपी उम्मीदवारों में ज्यादातर कांग्रेस पृष्ठभूमि के नेताओं के नाम को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ धीरेंद्र अवस्थी का कहना है कि बीजेपी की रीढ़ आरएसएस है. आरएसएस के बारे में कहा जाता है कि आरएसएस का कैडर बहुत मजबूत है, लेकिन ये भी सच है कि 2014 से पहले बीजेपी अपने दम पर हरियाणा की सत्ता में नहीं आई थी. हरियाणा में बीजेपी के पास कभी मजबूत कैडर नहीं रहा. बीजेपी ने हरियाणा में 2014 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव उन नेताओं के दम पर लड़ा था जो दूसरी पार्टियों से पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हुए थे.

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मनोहर लाल को हटाने की ये थी वजह

मनोहर लाल राव इंद्रजीत के पक्ष में नहीं थे, लेकिन अहीरवाल में उनकी जगह कोई विकल्प नहीं था. आज की तारीख में राव इंद्रजीत का कोई विकल्प नहीं है. फिर चाहे बात धर्मवीर की हो या फिर अरविंद शर्मा की. अरविंद शर्मा को लेकर चर्चा थी कि उनका टिकट काटा जा सकता है क्योंकि अरविंद शर्मा हरियाणा के एकमात्र सांसद थे, जिन्होंने तत्कालीन सीएम मनोहर लाल की सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाए थे. इसे लेकर सरकार की आलोचना भी हुई थी. उन्हें करनाल शिफ्ट करने की भी बात चल रही थी. बाद में सीएम खट्टर को मैदान में उतारा गया.

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नवीन जिंदल पर खेला दांव

अवस्थी ने आगे कि बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवारों की सूची में सबसे ज्यादा सवाल दो उम्मीदवारों के नाम पर उठ रहे हैं. वो नाम हैं रणजीत सिंह चौटाला और नवीन जिंदल. यूपीए सरकार के दौरान कोयला घोटाले को लेकर नवीन जिंदल पर सवाल उठे थे. उस वक्त बीजेपी ने ही उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. नवीन जिंदल का कार्यालय कुरुक्षेत्र में है, लेकिन वह पिछले कुछ वर्षों से सक्रिय नहीं थे. ऐसे में बीजेपी का नवीन जिंदल पर दांव खेलने का फैसला हैरान करने वाला है.

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रणजीत चौटाला ने किया हैरान 

रणजीत चौटाला पहले भी हिसार से चुनाव लड़ चुके हैं. उन्हें करीब 50 हजार वोट मिले थे, ऐसे में बीजेपी का रणजीत सिंह चौटाला पर दांव खेलने का फैसला भी हैरान करने वाला है. बृजेंद्र सिंह के बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद बीजेपी असमंजस में थी. इस सीट पर कैप्टन अभिमन्यु का नाम चला, इस सीट पर डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा का नाम चला. सब जानते हैं कि मनोहर लाल कैप्टन अभिमन्यु को पसंद नहीं करते. मनोहर लाल के रणजीत चौटाला से अच्छे रिश्ते थे, इसलिए पार्टी ने उन्हें हिसार से उम्मीदवार बनाया. मगर रणजीत उतने प्रभावी नहीं हैं.

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