चंडीगढ़ | हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Vidhansabha Chunav) को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी है. लगातार 2 योजना से प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हालात इस बार बहुत ज्यादा अच्छे नहीं दिख रहे हैं, लेकिन बिगड़े समीकरणों को साधने के लिए पार्टी अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास करने में जुटी हुई है. इसी रणनीति के तहत BJP ने ‘प्लान 12’ तैयार किया है.
बीजेपी ने अपने इस प्लान के तहत, दक्षिण हरियाणा की 12 विधानसभा सीटों पर टारगेट रखा है. इस क्षेत्र को अहीरवाल बेल्ट कहा जाता है और यहां जाट वोटर्स की संख्या प्रदेश के अन्य हिस्सों के मुकाबले कम है. बीजेपी इन सीटों पर विशेष फोकस कर रही है, ताकि अन्य हिस्सों में यदि झटका भी लगता है तो यहां की सफलता से उसे नियंत्रण में लाया जा सके.
केंद्रीय राज्यमंत्री की रणनीति पर काम
दक्षिण हरियाणा के अहीरवाल बेल्ट को साधने की जिम्मेदारी केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह को सौंपी गई है. उन्होंने चुनाव प्रचार प्रभारी नियुक्त किया गया है और उन्हीं की रणनीति के हिसाब से बीजेपी यहां काम कर रही है. उन्हें अपने स्तर पर रणनीति तैयार करने के लिए बीजेपी की ओर से फ्री हैंड दिया गया है. यहां से उनकी बेटी आरती राव भी इस बार बीजेपी की ओर से चुनावी रण में है, तो ऐसे में राव इंद्रजीत सिंह ने दक्षिण हरियाणा में कमल खिलाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं.
जाट बैल्ट की काट के लिए बीजेपी का प्लान
दक्षिण हरियाणा ऐसा क्षेत्र है, जहां यादव वोटर्स की संख्या का एक बड़ा आंकड़ा है. गुरुग्राम, रेवाड़ी, अटेली, महेंद्रगढ़ जैसे इलाकों की सीटें यादव बाहुल्य हैं. इसके अलावा, ब्राह्मणों की भी अच्छी- खासी संख्या है. जाटों की संख्या इस बेल्ट में पानीपत, कैथल, रोहतक, सिरसा, रोहतक, झज्जर और हिसार जैसी नहीं है. हरियाणा में जाट समाज बीजेपी का खुलकर विरोध कर रहा है.
जाट समुदाय के बीच BJP से नाराजगी खुलकर जगजाहिर हो रही है. ऐसे में पार्टी को लगता है कि उन इलाकों में ज्यादा फोकस किया जाए, जहां गैर- जाट आबादी अधिक है. इसी रणनीति के तहत पार्टी एक तरफ दक्षिण हरियाणा पर फोकस कर रही है, तो वहीं उत्तर हरियाणा में करनाल, अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र से भी बीजेपी को उम्मीदें हैं.
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