चंडीगढ़ | हरियाणा में पंचायत चुनाव कभी भी पार्टी सिंबल पर नहीं लड़ने वाली भारतीय जनता पार्टी आगे भी इस परम्परा को इसी तरह निभाने के मूड में नजर आ सकती है. संगठन के अधिकतर लोग पंचायत चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़ने के पक्ष में नहीं है लेकिन इस पर अंतिम निर्णय बीजेपी चुनाव समिति की होने वाली बैठक में लिया जाएगा.
अंतिम निर्णय चुनाव समिति की बैठक में
हरियाणा में पंचायत चुनावों को भाईचारे का प्रतीक माना जाता है और ऐसे में बीजेपी इसके अंदर पड़कर किसी तरह का विवाद मोल नहीं लेना चाहेगी. हालांकि नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका के चुनाव बीजेपी शुरू से ही पार्टी सिंबल पर लड़ती आई है. प्रदेश में 48 निकायों के चुनाव होने हैं और बीजेपी हर जगह पार्टी सिंबल पर प्रत्याशी उतार सकती है. इस पर भी अंतिम निर्णय बीजेपी चुनाव समिति की बैठक में ही लिया जाएगा.
बता दें कि इससे पहले हुए तीन निगमों पंचकूला, अंबाला शहर और सोनीपत के साथ ही रेवाड़ी नगर परिषद व तीन पालिकाओं – सांपला, धारूहेड़ा व उकलाना के चुनाव बीजेपी- जेजेपी गठबंधन ने मिलकर लड़े थे. पंचायत चुनावों में बीजेपी बेशक सीधे अपने उम्मीदवार न खड़े करें लेकिन बीजेपी समर्थित उम्मीदवार चुनाव जरुर लड़ेंगे और पार्टी पर्दे के पीछे रहकर इन उम्मीदवारों का समर्थन कर सकती हैं.
हरियाणा में अधिकतर पंचायतों में सरपंच और पंचों का फैसला ग्रामीणों की आपसी सहमति से हो जाता है. सर्व सहमति से बनने वाली पंचायतों को विशेष ग्रांट दिए जाने का भी प्रावधान है. हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने बताया कि चुनाव को लेकर बीजेपी चुनाव समिति की बैठक काफी अहम रहने वाली है जिसमें चुनाव संबंधी फैसले लिए जातें हैं.
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