चंडीगढ़ | हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Vidhansabha Chunav) के शेड्यूल में फेरबदल को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) को पत्र लिखा है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली द्वारा लिखे गए इस पत्र में उन्होंने चुनाव की तारीखों में बदलाव के लिए वीकेंड में 4 छुट्टियां और बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम होना बताया है. इसके पीछे बीजेपी को वोटिंग प्रतिशत में गिरावट होने का डर सता रहा है.
प्रदेशाध्यक्ष के पत्र की 3 मुख्य बातें
वीकेंड पर घूमने चले जाते हैं लोग: मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि 28 तारीख को शनिवार, 29 को रविवार, 1 अक्टूबर को मतदान होगा जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती का अवकाश है. ऐसे में वीकेंड के चलते लोग राज्य से बाहर छुट्टियां मनाने जा सकते हैं.
बिश्नोई समाज का धार्मिक कार्यक्रम: 2 अक्टूबर को राजस्थान के मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा, जिसमें राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, पंजाब से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. आसोज अमावस्या 1 अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी जो 3 अक्टूबर को 12.18 बजे समाप्त होगी.
वोटिंग पर पड़ेगा असर: प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि इसका वोटिंग प्रतिशत पर प्रभाव दिखेगा. ECI की भी 100% मतदान की प्राथमिकता रहती है. इसीलिए चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाया जाए ताकि वोट प्रतिशत में गिरावट दर्ज न हो. बीजेपी को वोट प्रतिशत में गिरावट से हार का डर सता रहा है और इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में ऐसा देखने को भी मिला था. हरियाणा में लोकसभा चुनावों के दौरान वोट प्रतिशत में गिरावट दर्ज हुई थी.
इन जिलों में बिश्नोई समाज का प्रभाव
कुलदीप बिश्नोई के BJP ज्वाइन करने के बाद पार्टी को बिश्नोई समाज का ज्यादातर वोट मिलने की उम्मीद है. सिरसा, डबवाली, फतेहाबाद, हिसार, आदमपुर, नलवा और बरवाला में बिश्नोई वोटबैंक का खासा जनाधार है. राजनीतिक दलों का मानना है कि बिश्नोई समाज का वोटर हमेशा एकजुट रहता है. इसीलिए बिश्नोई समाज के वोटर्स को निर्णायक माना जा रहा है.
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