चंडीगढ़ | हरियाणा में नए जिले, उपमंडल और तहसील बनने को लेकर उठ रही चर्चाओं पर फिलहाल विराम लग गया है. अब जनगणना के बाद ही इस संबंध में आगे कार्रवाई शुरू की जाएगी. जनवरी 2025 के पहले सप्ताह में जनगणना शुरू होगी, तब तक सरकार ने प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव पर रोक लगा दी है.
जनगणना के बाद आगे बढ़ेगा कार्य
वित्तायुक्त राजस्व और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने जनगणना का कार्य पूरा होने तक जिला, तहसील और कस्बों की प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव पर रोक लगा दी है. बता दें कि गोहाना, हांसी, असंध, मानेसर और डबवाली को लंबे समय से जिला बनाने की मांग उठाई जा रही है, जबकि कलानौर और बवानी खेड़ा उपमंडल बनने की दौड़ में शामिल हैं.
नए सिरे से गठित करनी होगी कमेटी
प्रशासनिक सीमाओं के पुनर्गठन से पहले जून में तत्कालीन कृषि मंत्री कंवर पाल गुर्जर की अध्यक्षता में गठित कमेटी का भी नए सिरे से गठन किया जाएगा. इस कमेटी में तत्कालीन वित्त मंत्री जेपी दलाल, पंचायत मंत्री महिपाल ढांडा और शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा शामिल थे, लेकिन इनमें से महिपाल ढांडा को छोड़कर सभी मंत्री चुनाव हार चुके हैं. इसके चलते प्रदेश सरकार को कमेटी का पुनर्गठन करना होगा.
हांसी और डबवाली पुलिस जिला
वर्तमान में हांसी और डबवाली पुलिस जिला है. इसलिए इनके सामान्य जिलें बनने में ज्यादा रूकावटें नहीं आएगी. इससे पहले तत्कालीन डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिश पर सरकार ने पिछले साल दिसंबर में प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाने के लिए छह नए उपमंडल बनाने पर अपनी मुहर लगाई थी. इनमें मानेसर (गुरुग्राम), नीलोखेड़ी (करनाल), इसराना (पानीपत), छछरौली (यमुनानगर), नांगल चौधरी (महेंद्रगढ़) और जुलाना (जींद) शामिल हैं.
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