चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अंग्रेजी शासन काल के जमाने से चला आ रहा एक कानून खत्म कर दिया है. सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत पहुंचेगी क्योंकि नहरी पानी पर लिए जाने वाले आबियाना (माल) शुल्क पर 1 अप्रैल से पूरी तरह रोक लग जाएगी. अच्छी बात यह है कि अब किसानों को आबियाना के नाम पर 1 पैसे का भुगतान भी सरकार को नहीं करना पड़ेगा.
140 करोड़ बकाया से मिलेगी राहत
हरियाणा सरकार के इस फैसले से चार हजार से अधिक गांवों के किसानों को 140 करोड़ रूपए बकाया राशि भी नहीं देनी होगी. इसके साथ ही, 54 करोड़ रूपए सालाना राहत भी मिलेगी. वित्तीय वर्ष 2022- 23 के अनुसार, सबसे ज्यादा आबियाना हिसार जिले के 349 गांवों के किसानों पर 31 करोड़ रूपए बकाया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा बजट में लिए गए फैसले के बाद अब सूबे के किसानों को आबियाना नहीं देना होगा.
सिंचाई के लिए इतनी जमीन निर्धारित
आबियाना की इस बकाया राशि के अंतर्गत लगभग 24 लाख हेक्टेयर भूमि आती है. इसमें रबी और खरीफ फसलों के तहत 12- 12 लाख हेक्टेयर भूमि शामिल हैं. आबियाना खत्म होने से किसानों को सीधे तौर पर लगभग 140 करोड़ रूपए का लाभ मिलेगा. हरियाणा में सिंचाई के लिए 16,932 आउटलेट निर्धारित है.
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