चंडीगढ़ | त्योहारी सीजन पर मिठाई खरीदने वालों को सतर्क होने की जरूरत आन पड़ी है. बता दें कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मिठाइयों पर बेस्ट बिफोर टैग की अनिवार्यता को समाप्त करने का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. पहले हलवाइयों के लिए यह अनिवार्य था कि हर ट्रे पर मिठाई की एक्सपायरी डेट लिखें.
मिलावटखोरी बढ़ने के आसार
अब नोटिफिकेशन के बाद से अधिकतर हलवाइयों ने Best Before Use का टैग लगाना बंद कर दिया है. ऐसे में अब ग्राहकों को ताजी और बासी मिठाइयों की पहचान करना मुश्किल होगा. त्योहारी सीजन में ज्यादा मिठाइयां बिकती हैं. ऐसे में लोग मिठाई जरूर खरीदते हैं, लेकिन अब उनकी गुणवत्ता पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकेगा.
वहीं, विभाग के इस फैसले पर लोगों ने हैरानी जताते हुए कहा कि इससे मिलावटखोरी बढ़ेगी और मिठाई बासी है या ताजी, इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाएगा. लोगों का कहना है कि विभाग का ये फैसला समझ से परे है. एक और तो मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने की बात कही जा रही है तो वहीं दूसरी ओर इस तरह के फैसले लिए जा रहे हैं.
10 लाख तक जुर्माने और 6 महीने की सजा का प्रावधान
अनसेफ : जो खाने योग्य न हो और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो. इससे जान भी जा सकती है. इसमें 1 लाख रुपये तक जुर्माना और 6 महीने की सजा का प्रावधान है.
सब स्टैंडर्ड: जो मानकों पर खरे नहीं उतरते. इसमें 5 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है.
मिसब्रांड : प्रोडक्ट पर दी गई जानकारी पूरी न हो. इसमें 3 लाख रुपये तक जुर्माना का प्रावधान है.
मिसलिडिंग : प्रोडक्ट के लेबल के अनुसार खाद्य पदार्थ न हो. इसमें 10 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है.
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