चंडीगढ़ | शुक्रवार को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की एक और लापरवाही दिखी ज़ब ग्रुप सी पदों के लिए CET स्कोर रद्द कर संशोधित स्कोर जारी करने के हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के विरुद्ध दायर एक अपील पर शुक्रवार को सुनवाई होनी निर्धारित थी. सिंगल बेंच ने 17 याचिकाओं का एक साथ निपटान किया था, मगर आयोग ने आधी रात में 17 में से एक केस में अपील दायर की थी. जिस पर अगले दिन सुबह सुनवाई हुई थी. डबल बेंच ने अपील की सुनवाई करते हुए ग्रुप 56, 57 के पेपर लेने की आज्ञा दी थी लेकिन रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी थी.
सभी केसों के लिए अलग- अलग अपील दायर करेगा आयोग
हाईकोर्ट ने अपील पर सुनवाई के दौरान प्रतिवादीगण को नोटिस ऑफ मोशन जारी करते समय सुनवाई तय की थी. मामला लंबित होने के कारण शेष 62 ग्रुपों के पेपर लेने का शेड्यूल जारी नहीं हो पाया. इन ग्रुपों के संभावित उम्मीदवार एक सितंबर को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर निगाहें टिकाये बैठे थे. सभी को लग रहा था कि आयोग हाईकोर्ट में जवाब दायर कर देगा, प्रतिवादीगण भी जवाब दे देंगे और हाईकोर्ट बचे शेष ग्रुपों के पेपर के बारे कोई अंतरिम आदेश दें देगा.
निर्धारित तारीख को हाईकोर्ट में जैसे ही सुनवाई हुई, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने कहा कि आयोग सभी केसों में अलग- अलग अपीलें दायर करेगा. अभी एक अपील दायर हुई है, बची हुई 16 और अपीलें दायर होनी हैं.
खंडपीठ ने शुक्रवार को फिर से भेजा नोटिस ऑफ मोशन
ये अपीलें अगले हफ्ते दायर होगी, इसलिए आयोग को समय दिया जाएगा. खंडपीठ ने केस फाइल देखने के बाद सरकारी वकील से कहा कि पहले जो एक अपील दायर हुई है, उसमें भी प्रोसेसिंग फीस जमा नहीं है, इसलिए प्रतिवादीगण को नोटिस डिलीवर नहीं हो पाया. इस पर सरकार ने कहा कि वह प्रोसेसिंग फीस भी जमा कर देगी.
प्रतिवादी पक्ष के एडवोकेट रविंद्र सिंह ढुल ने पूछने पर दैनिक सवेरा को बताया कि चूंकि प्रतिवादीगण को नोटिस मिला नहीं हुआ क्योंकि अपीलकर्ता आयोग ने प्रोसेसिंग फीस जमा नहीं कराई. ऐसे में प्रतिवादी नहीं जा सकते थे. उन्होंने कहा कि खंडपीठ ने शुक्रवार को फिर से नोटिस ऑफ मोशन भेजा है. उन्होंने कहा कि अपीलकर्ता ने यह भी कहा है कि हर एक केस की अपील दायर करनी है, इसलिए समय मिलना चाहिए.
सवाल रिपीट होने से सरकार और आयोग की हुई किरकिरी
अब खंडपीठ अगली सुनवाई की तारीख जारी करेगा. उन्होंने साफ किया कि तब तक कोई पेपर नहीं होगा. सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल श्रुति जैन गोयल ने दैनिक सवेरा के पूछने पर बताया कि आयोग ने सिंगल- सिंगल अपील दायर करनी हैं इसलिए अदालत से वक़्त माँगा है. प्रोसेसिंग फीस जमा न कराए जाने पर उन्होंने कहा कि यदि फीस जमा नहीं हुई है तो जमा करा दी जाएगी. इसमें आयोग की सहायता एडवोकेट जरनल कार्यालय का स्टाफ करता है. उन्होंने कहा कि पहली अपील की कापी प्रतिवादीगण को एडवोकेट जनरल कार्यालय ने भेज दी है.
उनका कहना है कि आयोग चाहता है कि जल्द से जल्द सुनवाई हो ताकि बचे ग्रुपों के पेपर भी लिए जा सकें. यह केस अहम है क्योंकि ग्रुप 56, 57 में 41 सवाल रिपीट होने से सरकार और HSSC की किरकिरी हुई है. विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर सरकार पर हमला बोल रखा है.
अपील दायर न होने की वजह से एडवोकेट जनरल नाराज
सुनवाई से एक दिन पहले 31 अगस्त की शाम एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने आयोग के साथ मीटिंग की. मीटिंग में एडवोकेट जनरल के अतिरिक्त आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी और अन्य शामिल हुए. साथ में सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल श्रुति जैन गोयल भी थीं. जब एजी ने अन्य अपीलें दायर होने के बारे पूछा तो आयोग की तरफ से बताया गया कि अपीलें दायर नहीं हुई हैं क्योंकि एक- एक अपील में 500- 500 पेज हैं. स्कैनिंग होने में समय लग रहा है . इस पर एडवोकट जनरल काफ़ी नाराज हुए क्योंकि पिछली सुनवाई पिछले 5 अगस्त को हुई थी और अगली सुनवाई 1 सितंबर को होनी थी तो बीच में 25 दिन का समय बचा था.
दूसरी तरफ, प्रोसेसिंग फीस जमा कराने की प्रक्रिया की जानकारी में पता चला कि यह लापरवाही आयोग की है. आयोग के स्टाफ को एडवोकेट जनरल कार्यालय के स्टाफ के साथ मिलकर यह प्रोसेसिंग फीस केस दायर होने के तुरंत बाद जमा करानी होती है ताकि प्रतिवादीगण को याचिका की प्रति और नोटिस ऑफ मोशन का नोटिस दिया जा सके. आयोग के स्टाफ ने वह फीस भी जमा नहीं कराई. फिलहाल, पेपर का इंतजार कर रहे उम्मीदवार मायूस है.
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